भोपाल | हनी ट्रैप बिछाने और कुछ लोगों को ब्लैकमेलकरने के आरोप में 6 लोगों की गिरफ्तारी के बाद से मध्यप्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया है | हनीट्रैप कांड में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे नए खुलासे होते जा रहे हैं | देर शाम तक हनी ट्रैप के मामले में पकड़ी गई आरोपियों से पूछताछ चलती रही | पूछताछ के बाद इनके काम करने के तरीके के बारे में पता चला है | हनीट्रैप के आरोप में पकड़ी गई महिलाएं बड़े ही शातिर तरीके से अपने काम को अंजाम देती थी | पूछताछ में इन महिलाओं ने कबूला है कि इनके शिकार हुए लोग आसानी से इन्हें पकड़ न सकें, इसके लिए वह मोटा हाथ मारने के बाद अपना घर बदल लेती थीं | हालांकि नया मकान भी पॉश इलाके में ही होता था, ताकि इनके रसूख पर कोई असर न पड़े |
इनमें से एक महिला श्वेता जैन जिसे पुलिस और इंटेलिजेंस की संयुक्त टीम ने भोपाल की सबसे पॉश कॉलोनी रिवेरा टाउन से गिरफ्तार किया है, उसने भी हाल ही में मकान बदला था | श्वेता पूर्व मंत्री और(बीजेपी के विधायक बृजेंद्र प्रताप सिंह के मकान में रह रही थी | वह किराए के रूप में 35 हजार रुपये प्रति माह का भुगतान कर रही थी | विधायक बृजेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि उन्होंने श्वेता को रिवेरा टाउन का अपना मकान ब्रोकर के माध्यम से किराए पर दिया था | उन्होंने कहा कि जैन परिवार पहले से ही रिवेरा टाउन में ही किराए पर रह रहा था, लिहाजा ब्रोकर जब उन्हें उनके पास लेकर आया तो उन्होंने ज्यादा सवाल नहीं किए | इंदौर में पकड़ी गई आरती दयाल मूलतः छतरपुर जिले की रहने वाली है |
सूत्रों की मानें तो आरती इससे पहले छतरपुर जिले में भी कई लोगों को हनीट्रैप के जाल में फंसा चुकी है | इसके बाद उसने छतरपुर छोड़ भोपाल को अपना ठिकाना बना लिया | सूत्रों की मानें तो भोपाल राजधानी होने के कारण नेताओं से लेकर बड़े अधिकारियों और व्यापारियों तक, इनकी अच्छी पैठ और रोजाना साथ उठना-बैठना था | यह गैंग पहले भी कई वारदात कर चुका था और अपनी खूबसूरती के जाल में फंसाकर कई मंत्री और बड़े अफसरों की सेक्स क्लिप बना चुका था | पता चला है कि गिरफ्त में आई आरोपी महिलाएं, नेताओं और अफसरों को फंसाने के लिए कॉल गर्ल्स का भी इस्तेमाल करती थीं | इन युवतियों से ज़ब्त मोबाइल फोन में दर्जनों कॉल गर्ल्स, आईएस-आईपीएस अफसरों और बीजेपी-कांग्रेस के नेताओं के नंबर और कॉल डिटेल्स मिले हैं | पुलिस अधिकारियों की जांच के मुताबिक, हनी ट्रैप गैंग के मेंबर्स अपना काम निकालने के लिए भोले और सीधे से दिखने वाले राजनेताओं और अफसरों को निशाना बनाते थे |
इस गैंग में कुछ सलाहकर पत्रकार भी शामिल हैं जो ऐसे राजनेताओं और अफसरों की लिस्ट तैयार करने में मदद करते थे जो लड़कियों की खूबसूरती पर फिदा हो जाते थे | बताया जा रहा है कि ये युवतियां, राजनेताओं और अधिकारियों के पास एनजीओ के काम के बहाने जाती थीं और फिर साज़िश के तहत अपना काम शुरू करती थीं | वो नेताओं और अफसरों को जाल में फंसाकर फिर उन्हें कॉलगर्ल्स का ऑफऱ देती थीं | जो लोग राजी हो जाते थे उनके पास कॉल गर्ल्स पहुंचा देती थीं |