
भारतीय रेलवे में तकनीक के क्षेत्र में एक और बड़ी पहल की गई है। पश्चिम मध्य रेलवे के भोपाल मंडल ने स्पीडो विजन सॉफ्टवेयर नामक एक उन्नत डिजिटल प्रणाली विकसित की है, जो ट्रेन चलाने वाले लोको पायलटों की ड्राइविंग रिपोर्ट कुछ ही मिनटों में तैयार कर देता है।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यह सॉफ्टवेयर लोकोमोटिव के स्पीडोमीटर से मिलने वाले डेटा का तेज़, स्वचालित और सटीक विश्लेषण करता है। इसके जरिए हर ट्रेन के संचालन की ग्राफिकल रिपोर्ट तैयार होती है, जिसमें तारीख, समय, गति, दूरी, ब्रेकिंग पैटर्न, ओवरस्पीडिंग और ब्रेक पावर टेस्ट जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां शामिल होती हैं।
भोपाल मंडल में रोजाना औसतन 13 फ्लॉपी के डेटा का विश्लेषण किया जाता है और हर महीने करीब 400 स्पीडोमीटर रिपोर्ट तैयार होती हैं। यदि किसी लोको पायलट की ड्राइविंग में कोई चूक, गति उल्लंघन या अन्य अनियमितता पाई जाती है, तो उसकी काउंसलिंग की जाती है और ज़रूरत पड़ने पर उसे दोबारा प्रशिक्षण भी दिया जाता है।
स्पीडो विजन सॉफ्टवेयर न केवल मैनुअल प्रक्रिया को पूरी तरह स्वचालित बनाता है, बल्कि समय और संसाधनों की भी बचत करता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह सॉफ्टवेयर पूरी तरह इन-हाउस एक महीने में तैयार किया गया है।
रेलवे अधिकारियों का मानना है कि यह तकनीक न सिर्फ ट्रेनों की सुरक्षा और पारदर्शिता को बढ़ाएगी, बल्कि लोको पायलटों की दक्षता और जवाबदेही में भी बड़ा बदलाव लाएगी। जल्द ही इसे भारतीय रेलवे के अन्य मंडलों में भी लागू करने की योजना है।