मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाविकास आघाड़ी (MVA) की कार्यशैली पर बड़ा सवाल उठाते हुए कहा है कि यदि आगामी विधानसभा चुनावों में पिछली गलतियों को दोहराया गया, तो गठबंधन का कोई औचित्य नहीं रहेगा। उनके इस बयान से महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर से हलचल मच गई है।
‘सामना’ को दिए इंटरव्यू में ठाकरे ने स्वीकार किया कि लोकसभा चुनाव 2024 में शानदार प्रदर्शन के बावजूद एमवीए को विधानसभा चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने हार की वजह अहंकार, आपसी समन्वय की कमी, देरी से उम्मीदवार चयन और सीट बंटवारे में लापरवाही को बताया।
ठाकरे ने साफ कहा कि सिर्फ गठबंधन धर्म निभाने के लिए सीटों का त्याग करना उनकी पार्टी को भारी पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘लाडकी बहन’ जैसी योजनाएं, फर्जी वोटर लिस्ट और ईवीएम मुद्दे ने भी गठबंधन की संभावनाओं पर असर डाला।
पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि कई सीटों पर उम्मीदवार आखिरी समय तक तय नहीं हो सके, जिससे मतदाताओं में भ्रम फैला और उत्साह घटा। उन्होंने सभी घटक दलों—शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी—से ईमानदारी से गलतियों को स्वीकार कर रणनीति सुधारने की अपील की।
गौरतलब है कि 2024 लोकसभा चुनावों में एमवीए ने 30 सीटें जीती थीं, लेकिन विधानसभा चुनावों में उसे सिर्फ 46 सीटों से संतोष करना पड़ा, जबकि भाजपा ने 132, शिंदे गुट ने 57 और अजित पवार की एनसीपी ने 41 सीटें हासिल कीं।
