“रणछोर दास” मंतूराम पवार ने फिर किया बीजेपी और रमन सिंह पर हमला , इस बार आधा दर्जन लालचियों की टीम के साथ  “एक करोड़” के ऑफर का खोला राज  | 

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  अंतागढ़ टेपकांड : रमन सिंह ने मुझे बुरी तरह ठगा , नाम वापिस लेने दी गई ‘जान से मारने’ की धमकी , मोहरा बनाया गया  – मंतूराम पवार |   

रायपुर / पहले कांग्रेस और अब बीजेपी से निकाल बाहर किये गए मंतूराम पवार ने एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और बीजेपी पर हमला बोला है | लेकिन उनके आरोपो में कितनी सच्चाई है , इसका आकलन जल्द ही अदालत में होगा | फ़िलहाल तो उनके रोजाना आ रहे नए नए बयानों से “मीडिया” को मसाला मिल रहा है | दिलचस्प बात यह है कि मंतूराम पवार पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और बीजेपी के कई नेताओं पर सनसनीखेज आरोप लगा रहे है | लेकिन “सबूत” किसी के नहीं पेश कर रहे है | अंतागढ़ मामले में सिर्फ “टेपकांड” के अलावा सत्ताधारी कांग्रेस के पास कोई “ठोस सबूत” नहीं है | कांग्रेस उम्मीदवार को चुनावी मैदान से हटाने के लिए बीजेपी और कांग्रेस के ही नेताओं के सक्रिय  होने का खुलासा तो इस “टेप” से हो रहा है , लेकिन “संदेहियों” और “आरोपियों” का वाइस सैंपल नहीं होने से यह मामला सिर्फ हवा में गोते खा रहा है | “रणछोर दास” मंतूराम पवार ने अभी तक वो रकम सरेंडर नहीं की है , जो उनके आरोपों के अनुसार पूर्व मंत्री राजेश मूणत अथवा बीजेपी के लोगों ने उसे दी थी | वही इस बार मंतूराम पवार अकेले नहीं बल्कि आधा दर्जन उन उम्मीदवारों को लेकर पत्रकारों के समक्ष उपस्थित हुए , जिन्होंने उन्ही की तर्ज पर चुनावी मैदान छोड़ा था | मंतूराम समेत तमाम भुक्तभोगियों ने बताया कि चुनावी मैदान से हटने के लिए प्रत्येक को  “एक करोड़” रूपये का ऑफर दिया गया था | कुछ रकम मिलने की भी बात लोकतंत्र के सौदागरों ने स्वीकार की | लेकिन पत्रकारों के समक्ष सभी खाली हाथ आये थे | ऐसे में सवाल उठ रहा है कि राज्य की कांग्रेस सरकार वाकई लोकतंत्र के हत्यारों को सबक सिखाना चाहती है या फिर राजनैतिक बयानबाजी को हवा देकर दंतेवाड़ा उपचुनाव में अपना हित साधन करना चाहती है | फ़िलहाल तो “अंतागढ़ कांड” के घोषित और अघोषित सभी किरदार “प्रजातंत्र” के “भक्षक” नजर आ रहे है |     

         
अंतागढ़ टेप कांड में मंतूराम पवार ने गुरूवार को बड़ाखुलासा करते हुए कहा कि अंतागढ़ चुनाव में मुझे डॉ रमन सिंह ने बुरी तरह ठग लिया। न तो मुझे टिकट मिली न ही सत्ता। इतना ही नहीं नाम वापस न लेने पर उन्हें “एनकाउंटर” करने की धमकी दी गईथी। मंतूराम गुरूवार को छह प्रत्याशियों को साथ लेकर रायपुरप्रेस क्लब पहुंचे थे। जहां उन्होंने मीडिया को बताया कि सिर्फ उन्हें ही नाम वापिस लेनेकी धमकी नहीं दी गई थी। बल्कि उनके अलावा 6 प्रत्याशी और थेजिन्होंने अपना नाम उपचुनाव से वापिस लिया। मंतुराम पवार के अनुसार देवनाथ, भीम सिंह उसेंडी, भोजराज नाग, महादेव उसेंडी, समंदर नेताम और चुरेद्र कुमार ने उपचुनाव से अपना नाम वापिस लिया था। उन्हें धमकी दी गई थी कि तुम कभी भी दुर्घटना के शिकार हो सकते हो।मंतूराम ने आगे बताया कि उन्हें उनके परिवार की चिंता थी। जिसके चलते उन्होंने डरसे नामांकन से अपना नाम वापिस ले लिया।


मंतूराम ने आरोप लगाया कि अंतागढ़ कांड में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के साथ अजीत जोगी और अमित जोगी का हाथ था | दोनों ने मिलकर षड्यंत्र रचा | पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के चलते ही बीजेपी तीन बार सरकार बनाने में कामयाब हो गई | मंतूराम ने कहा कि मुझे अंतागढ़ कांड में मोहरा बनाया गया | बीजेपी ने मेरा अपमान किया है | पहले तो पैसों का लालच दिया गया ,फिर जान से मारने की धमकी भी दी जाने लगी | उन्होंने कहा कि मैं आज भी दबाव में हूँ | अजीत जोगी और रमन सिंह ने मिलकर मुझे इस कांड में फंसा दिया |   


मंतूराम ने बताया किनाम वापिस लेने की एवज में छह प्रत्याशियों को एक-एक करोड़ दिया जाएगा। लेकिन, किसी को पचास मिला, किसी को 40 हजार मिला। सभी छहप्रत्याशियों ने मजिस्ट्रेट के सामने 164 के तहत बयान दर्जकरा दिया है। इनमें रमन सिंह, अजीत जोगी, अमन सिंह और राजेश मूणत के नाम धमतरी थानेमें शिकायत दर्ज कराई गई है। मंतूराम ने कहा कि रमन सिंह ने मेरे साथ, आदिवासियों के साथ धोखा किया है।