नई दिल्ली/महाराष्ट्र: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है। याचिकाकर्ता अधिवक्ता घनश्याम उपाध्याय ने आरोप लगाया है कि ठाकरे ने अपने भाषणों के माध्यम से हिंदी भाषी समुदाय के खिलाफ हिंसा और नफरत को बढ़ावा दिया है।
याचिका में कहा गया है कि राज ठाकरे और उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हाल के समय में हिंदी भाषी लोगों पर हमले किए हैं, उनकी दुकानों और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया है। यह विरोध अब सिर्फ हिंदी के खिलाफ नहीं, बल्कि गैर-मराठी भाषियों पर मराठी थोपने की कोशिश में बदल गया है।
राज ठाकरे के भाषणों पर विशेष रूप से सवाल उठाए गए हैं, जिनमें वे कथित रूप से लोगों को सड़कों पर उतरने और विरोध करने के लिए उकसाते हैं। याचिकाकर्ता ने ठाकरे और उनके कार्यकर्ताओं के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की है।
हाल ही में एक रैली में ठाकरे ने तीन-भाषा नीति को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों पर हिंदी थोपी गई तो MNS स्कूलों को बंद करा देगी। उन्होंने एमएनएस कार्यकर्ताओं को “महाराष्ट्र के सैनिक” बताते हुए कहा कि मराठी भाषा और संस्कृति की रक्षा उनका कर्तव्य है।
