उत्तर प्रदेश सरकार ने उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए 2025-26 तक प्रदेश के 25 प्रतिशत कॉलेजों को राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC) से मान्यता दिलाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। यह पहल राज्य के उच्च शिक्षा विभाग और उत्तर प्रदेश स्टेट लेवल क्वालिटी एश्योरेंस सेल के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है।
पहले से ही 1000 कॉलेजों का NAAC मूल्यांकन के लिए चयन हो चुका है, और छह विश्वविद्यालयों ने ए++ रैंकिंग हासिल की है। अब इस अभियान के तहत एक चौथाई कॉलेजों को NAAC मान्यता दिलाने की योजना है। सरकार ने मूल्यांकन प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए बाइनरी प्रणाली शुरू की है, जो पारदर्शिता और समयबद्ध परिणाम सुनिश्चित करती है।
उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह योजना प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों की वैश्विक प्रतिष्ठा बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे छात्रों को बेहतर शिक्षण, योग्य शिक्षक और राष्ट्रीय-आंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त संस्थान मिलेंगे।
NAAC, जो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की स्वायत्त संस्था है, शिक्षण संस्थानों को 1.5 से 4 के बीच ग्रेड देती है। ए++ ग्रेड वाले कॉलेज उच्च गुणवत्ता वाले माने जाते हैं, जबकि डी ग्रेड वाले संस्थान को मान्यता नहीं मिलती। NAAC रेटिंग से छात्रों को शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता, शोध, बुनियादी ढांचा और अन्य पहलुओं की स्पष्ट जानकारी मिलती है, जिससे वे बेहतर विकल्प चुन सकते हैं।
