
प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर : उत्तर भारत में हो रही भारी बारिश ने गंगा और उसकी सहायक नदियों को उफान पर ला दिया है। इसका सीधा असर प्रयागराज, वाराणसी और कानपुर जैसे प्रमुख शहरों और आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों पर पड़ा है। गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे इन शहरों के घाट, कस्बे, गाँव और धार्मिक स्थल पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं।
प्रयागराज: पवित्र संगम क्षेत्र डूबा
प्रयागराज में गंगा और यमुना के संगम स्थल पर हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। महाकुंभ के आयोजन स्थल, संगम किनारे बसे शिविर और लेटे हनुमान मंदिर परिसर तक पानी पहुंच चुका है। दशाश्वमेध घाट, गंगा पथ और किले के आसपास के इलाके पूरी तरह डूब चुके हैं। प्रशासन ने 88 बाढ़ चौकियां और राहत केंद्र सक्रिय किए हैं। पुलिस, NDRF और स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं। हालांकि जलस्तर में थोड़ी गिरावट शुरू हुई है, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है।
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वाराणसी: सभी 84 घाट जलमग्न
काशी नगरी वाराणसी में गंगा का पानी खतरे के निशान को पार कर गया है। यहां के सभी 84 घाट—including दशाश्वमेध, मणिकर्णिका और अस्सी घाट—पानी में डूब चुके हैं। आरती स्थल तक भी जल पहुंच गया है। जिला प्रशासन ने नौका संचालन पर रोक लगा दी है और 46 राहत शिविर स्थापित किए हैं। स्थानीय प्रशासन और NDRF की टीमें तैनात हैं, जो लगातार लोगों को सुरक्षित स्थानों की ओर भेज रही हैं।
कानपुर: गाँव-कस्बों में घुसा बाढ़ का पानी
कानपुर और आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में गंगा के उफान से खेतों, सड़कों और बस्तियों में पानी भर गया है। ग्रामीणों की नाव से आवाजाही हो रही है। कई इलाकों में घरों में पानी घुस गया है। प्रशासन ने ग्रामीण क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी है और राहत सामग्रियाँ पहुँचाई जा रही हैं
प्रशासन की चेतावनी और राहत कार्य
- राहत केंद्रों की स्थापना: तीनों जिलों में कुल 100+ राहत केंद्रों की व्यवस्था।
- बचाव कार्य: SDRF, NDRF, नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की टीमें सक्रिय।
- यातायात प्रतिबंध: घाटों पर नौका संचालन और लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया है।
- जनता से अपील: निचले इलाकों से हटकर सुरक्षित स्थानों पर जाएं, अफवाहों से बचें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
गंगा का उफान अब एक गंभीर आपदा का रूप ले चुका है, जिसने धार्मिक, शहरी और ग्रामीण—तीनों क्षेत्रों को प्रभावित किया है। प्रयागराज का संगम और कुंभ क्षेत्र, वाराणसी के ऐतिहासिक घाट, और कानपुर के ग्रामीण इलाके—सभी जलप्रलय की चपेट में हैं। प्रशासनिक प्रयास जारी हैं लेकिन हालात अभी नियंत्रण में नहीं हैं। लोगों से संयम और सतर्कता बरतने की अपील की गई है।