रायपुर | रायपुर संसदीय क्षेत्र के एक “सक्रिय नेता जी ” और पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार में निगम मंडल के “चेयरमेन” के पद पर आसीन रहे एक प्रभावशाली शख्स की “अश्लील सीडी” अब लॉन्चिंग फ्लोर पर रखे होने की खबर है | यदि “सौदेबाजी” का खेल गड़बड़ाया तो जल्द ही यह “अश्लील सीडी” कई मोबाईलधारियों के “वाटसअप” पर नजर आएगी | हालांकि बीजेपी के एक कद्दावर नेता “सौदेबाजी” को अंतिम रूप देकर पार्टी के इन “महाशय” का “कैरियर” बचाने में जुटे हुए है | जानकारी के मुताबिक “नीली फिल्म” की “अभिनेत्री” ने “मुँह” इतना बड़ा फाड़ा है कि “लेन-देन” ना केवल जोखिम भरा हो गया है , बल्कि मामला पुलिस को सौपे जाने के लिए विचार विमर्श का दौर भी जारी है | बीजेपी के सत्ताकाल के दौरान “पीड़ित” नेता जी कभी सदन के अंदर तो कभी बाहर “सरकार” का बचाव करते तो कभी विपक्ष पर तीखा हमला करते नजर आते थे | लेकिन इन दिनों उनकी हालत पतली है | उन्हें अपने साथ -साथ पार्टी की छबि की चिंता भी सता रही है | “नेता” जी के लिए राहत भरी बात यह है कि पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार में “खेत खलियान” का काम देखने वाले उनके एक कद्दावर साथी ने मामले को रफा-दफा करने में दिलचस्पी दिखाई है | उनके सहयोग से पीड़ित को आशा की उम्मीद बंधी है | हालांकि “नीली सीडी” के जल्द सार्वजानिक होने की खबर ने दोनों ही नेताओ को बैचैन कर दिया है | लिहाजा दोनों ही नेता इस वक्त इस सीडी के “मोल-भाव” में व्यस्त है | उनके कुछ ख़ास समर्थक उस महिला की “प्रभात फेरी” में जुटे है ,जिसने इस “नीली फिल्म” में महत्वपूर्ण “किरदार” निभाया है | बताते है कि “सदन” के अंदर और बाहर विपक्षियों को किसी भी मुद्दे में मुहतोड़ जवाब देने वाले “नेता” जी जब से “ब्लैकमेलिंग” का शिकार हुए है ,तब से उनका “ब्लड प्रेशर” भी लगातार “ऊपर-नीचे” हो रहा है | “सौदेबाजी” के चक्कर में “नेता” जी को न तो रात में “सुकून” और ना ही दिन में “चैन” मिल पा रहा है |

छत्तीसगढ़ में तत्कालीन बीजेपी सरकार के PWD मंत्री राजेश मूणत की असली -नकली ” अश्लील सीडी” मामले की जाँच अभी पूरी ही नहीं हो पाई है कि पार्टी में दूसरी पंक्ति का एक बड़ा नेता फिर “अश्लील सीडी काण्ड” का शिकार होते नजर आ रहा है | “सौदेबाजी” का मामला यदि कामयाब रहा ,तभी उनकी “जय-जयकार” सुनाई देगी वरना उन्हें “पोर्न टीवी स्टार” का तमगा मिलना लाजमी है | सूत्रों के मुताबिक “नेता” जी अपनी महिला मित्र की दरिंदगी का शिकार हो गए है | बताया जाता है कि कभी फुर्सत के क्षणों में तो कभी राजनैतिक क्रियाकलापो के लमहों में यदा कदा उनके साथ नजर आने वाली इस महिला ने “नेता” जी के पूरे कपडे उतार दिए है | जानकारी के मुताबिक बीजेपी के सत्ता से हाथ धोते ही इस महिला के हौसले इतने बुलंद है कि उसने “नेता” जी को होश ठिकाने लगाने का अल्टीमेटम दे दिया है | सूत्रों के मुताबिक इस महिला ने “नेता” जी के वाट्सप नंबर पर पहले तो “नीली फिल्म” के कुछ काट छाट वाले वीडियो क्लिप डाले ,फिर खुद को किसी शख्स के “ब्लैकमेलिंग” का शिकार होने का हवाला दिया | जानकारी के मुताबिक अपनी महिला मित्र के कब्जे वाले इलाके में हुए “फिल्मांकन” से “नेता” जी को असलियत भाँपने में समय नहीं लगा | “पीड़ित” नेता जी ने फ़ौरन अपने “कद्दावर” साथी के चरण पकड़ कर “ब्लैकमेलिंग” से बचाने की गुहार लगाई है | हरकत में आए “बचाव दल” ने इस “अभिनेत्री” और उसके करीबियों से संपर्क साधा है |
“हम तुम एक कमरे में बंद हो और चाबी खो जाए” इस चित्रपठ के फिल्मांकन के बाद “नेता” जी की नींद उड़ गई है | “नीली फिल्म” के प्रारंभिक “सीन” में “अभिनेत्री” और “नेता” जी एक साथ खड़े नजर आ रहे है | लेकिन इस परिसर में “नेता” जी किसी “शख्स” से मोबाईल पर बतियाते दिखाई दे रहे है | चंद पलो बाद “दोनों” एक कमरे में दिखाई देते है | “नीली फिल्म” की तमाम “तस्वीरें” इतनी “अश्लील” और “आपत्तिजनक” है कि उसका “प्रकाशन” और “प्रसारण” दोनों ही संभव नहीं है |
छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ वर्षो से “सीडी” के कारोबार ने “तहलका” मचा दिया है | इस कारोबार से “ब्लैकमेलरों” को चांदी काटने का भरपूर मौका मिला है | “मस्ती का दौर” हो या फिर किसी भी विषय पर गंभीर “मंत्रणा” ,दोनों ही मामलो में “रिकॉर्डिंग” का “जोखिम” लोगो को नजर आने लगा है | बताया जाता है कि कई असामाजिक तत्वों ने इस कारोबार में अपने ऐसे पैर पसार लिए है कि “कानून” भी उनके सामने “बौना” नजर आने लगा है | एक जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ के विभिन्न शहरो में “ब्लैकमेलरों” ने ना केवल अपने “संपर्क सूत्र” स्थापित कर लिए है ,बल्कि उन्होंने अपने “प्रतिनिधि” तक नियुक्त किए है | एक तरह से यह गिरोह नेता ,अफसर ,उद्द्योगपति और ऐसे ही प्रभावशील व्यक्तियों की तलाश में रहता है जो “मालदार” हो और अपनी “इज्जत आबरू” से “डरते ” हो | बताया जाता है कि छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद से ही प्रदेश में “सीडी” कारोबार ने दस्तक दी थी | लेकिन जैसे -जैसे पीड़ितों ने “ब्लैकमेलरों” की मांगे पूरी करना शुरू किया ,वैसे -वैसे इस कारोबार ने अपनी जड़े जमाना शुरू कर दिया | आज इस कारोबार ने “वटवृक्ष” का रूप ले लिया है | राजनीति के क्षेत्र में तो इस गोरखधंधे ने रातों रात धूम मचा दी और कई ‘ब्लैकमेलरों’ को लखपति और करोड़पति बना दिया है | आज भी प्रदेश की अदालतों में ऐसे कई मामले विचाराधीन है ,जिसमे असली “रिकॉर्डिंग टेप” की मांग को लेकर कभी आरोपियों का वाइस सैंपल तो कभी ओरिजनल रिकॉर्डिंग डिवाइस कानून के तकाजे में परखे जा रहे है | बीजेपी के आलावा कांग्रेस जैसे बड़े राजनैतिक दलों के कई महत्वपूर्ण नेताओ को “अश्लील सीडी काण्ड” ने जमकर नुकसान पहुंचाया है | लोगो के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है कि इस गोरखधंधे पर लगाम लगाने के लिए आखिर क्यों ठोस क़ानूनी प्रयास नहीं हो रहे है |
यहाँ यह स्पष्ट करना जरुरी है कि “न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़” ऐसी किसी “अश्लील और भ्रामक” सीडी की ना तो अपने स्तर पर पुष्टि करता है और ना ही उसके “सच” होने या “ना” होने का दावा करता है | सिर्फ अपने दर्शको और पाठको को बाजार में प्रचलित खबरों से रूबरू कराने के लिए “बतौर सूचना” इस खबर को “वेब पोर्टल” पर प्रकाशित किया गया है | फ़िलहाल यह देखना गौरतलब होगा कि इस नए सीडी कांड का क्या हश्र होता है ? यदि “सौदेबाजी” कामयाब रही तो “नेता” जी को “राहत” मिलने के आसार है ,वर्ना इस नए सीडी कांड को लेकर भी “बवाल” की आशंका जाहिर की जा रही है | बताया तो यह भी जा रहा है कि “ब्लैकमेलरों” की “मांग भरना” भी आसान नहीं है | लिहाजा “नेता” जी अपनी शिकायत लेकर पुलिस की शरण में भी जाने पर विचार कर रहे है |
