
अमरनाथ यात्रा 2024 के शुरू होने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। यात्रा के महज आठ दिनों में ही 1.45 लाख से ज्यादा भक्त पवित्र गुफा मंदिर के दर्शन कर चुके हैं। शुक्रवार को जम्मू के भगवती नगर से 6,482 श्रद्धालुओं का नया जत्था कश्मीर की ओर रवाना हुआ।
अधिकारियों के मुताबिक, यह जत्था दो सुरक्षा काफिलों में रवाना हुआ। पहले काफिले में 107 वाहन थे, जिसमें 2,353 श्रद्धालु बालटाल बेस कैंप के लिए सुबह 3:20 बजे निकले। वहीं, दूसरे काफिले में 161 वाहन और 4,129 यात्री नुनवान (पहलगाम) बेस कैंप के लिए सुबह 4:04 बजे रवाना हुए।
गुरुवार को पहलगाम में ‘छड़ी मुबारक’ (भगवान शिव की पवित्र गदा) का भूमि पूजन किया गया। महंत स्वामी दीपेंद्र गिरि के नेतृत्व में यह छड़ी श्रीनगर से लाकर गौरी शंकर मंदिर और फिर मार्तंड सूर्य मंदिर में स्नान और पूजा के बाद रखी गई। छड़ी मुबारक 9 अगस्त को गुफा मंदिर पहुंचेगी, जिस दिन यात्रा संपन्न होगी।
सुरक्षा को लेकर इस बार कड़े इंतजाम किए गए हैं। 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा बलों की 180 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की गई हैं। सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस पूरे मार्ग, ट्रांजिट कैंपों और बेस कैंपों पर मुस्तैद हैं।
इस साल अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू हुई है और यह 9 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा व रक्षा बंधन के दिन समाप्त होगी। तीर्थयात्री पहलगाम या बालटाल मार्ग से लगभग 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गुफा मंदिर तक पहुंचते हैं। हालांकि इस बार सुरक्षा कारणों से हेलीकॉप्टर सेवाएं बंद हैं।
गुफा में मौजूद बर्फ का शिवलिंग भगवान शिव की दिव्य शक्ति का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि यहीं भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरता का रहस्य बताया था, जिससे यह यात्रा हर वर्ष लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है।