महाराष्ट्र सरकार अब शहरी क्षेत्रों में नक्सलवाद और उससे सहानुभूति रखने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। इसके लिए राज्य सरकार एक नया कानून ला रही है, जिसका नाम महाराष्ट्र विशेष लोक सुरक्षा विधेयक रखा गया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को इस प्रस्तावित कानून के संशोधित मसौदे की समीक्षा की। संभावना है कि यह विधेयक मानसून सत्र में विधानसभा में पेश किया जाएगा।
इस कानून का उद्देश्य उन व्यक्तियों और संगठनों की गतिविधियों पर लगाम लगाना है, जिनका प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से नक्सल आंदोलन से संबंध है। एक अधिकारी के अनुसार, यह विधेयक इस सप्ताह या अगले सप्ताह सदन में लाया जा सकता है। राज्य विधानमंडल की संयुक्त चयन समिति ने इसे अंतिम रूप दे दिया है।
बता दें कि मुख्यमंत्री फडणवीस ने इस बिल को पहली बार दिसंबर में नागपुर सत्र के दौरान पेश किया था। इसके बाद इसे राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले की अध्यक्षता में बनी समिति के पास विचारार्थ भेजा गया। समिति को इस बिल पर करीब 12,000 आपत्तियां और सुझाव प्राप्त हुए, जिनके आधार पर इसे संशोधित किया गया है।
सरकार का मानना है कि इस कानून से नक्सल गतिविधियों और उनके शहरी नेटवर्क पर प्रभावी रोक लगाई जा सकेगी। साथ ही, उन संगठनों और व्यक्तियों पर भी कानूनी कार्रवाई संभव होगी, जो नक्सल विचारधारा को खुले या गुप्त रूप से समर्थन देते हैं।
