
12 जून 2025 की दोपहर, देश ने एक भयानक त्रासदी का सामना किया जब एयर इंडिया AI171 — लंदन गैटविक जा रही फ्लाइट — अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में विमान में सवार सभी 241 यात्रियों और चालक दल की मौत हो गई। इसके अलावा, विमान के गिरने से ज़मीन पर मौजूद 20 से अधिक लोगों की भी जान चली गई, जिनमें मेडिकल कॉलेज के कई जूनियर डॉक्टर शामिल थे जो मेस में लंच कर रहे थे।
यह हादसा देश को झकझोर गया। शोक और आक्रोश के बीच एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया — क्या एयर इंडिया AI171 हादसा रोका जा सकता था? विमान का ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया गया है और जांच जारी है, लेकिन कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर और फ्लाइट डेटा को डिकोड करने में हफ्तों लग सकते हैं।
AI171 जिस बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान से उड़ रही थी, उसे कभी आधुनिक तकनीक का प्रतीक माना जाता था। हल्के वजन, ईंधन दक्षता और कम शोर इसे “क्रांतिकारी” बनाते थे। दुनियाभर में 1,100 से अधिक ड्रीमलाइनर विमान सेवा में हैं, लेकिन अब इसकी सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं।
2013 में इसी विमान मॉडल की बैटरियों में आग लगने के बाद उड़ान पर रोक लगी थी। बोइंग के एक इंजीनियर और व्हिसलब्लोअर जॉन बार्नेट पहले ही ड्रीमलाइनर के इलेक्ट्रिकल सिस्टम में संभावित खतरों की चेतावनी दे चुके थे। लेकिन क्या उन चेतावनियों को गंभीरता से लिया गया?