हर साल 21 जून को मनाया जाने वाला International Yoga Day 2025 इस बार और भी खास बन गया। भारत की प्राचीन परंपरा और मानसिक-शारीरिक संतुलन के प्रतीक इस दिन पर इस बार सबसे प्रेरणादायक दृश्य देखने को मिला जम्मू-कश्मीर के आरएस पुरा सेक्टर में, जहां भारत-पाक सीमा पर तैनात बीएसएफ जवानों ने ड्यूटी के साथ-साथ योग का अभ्यास किया।
बीएसएफ के डीआईजी चित्रपाल ने बताया कि सीमावर्ती इलाकों में तैनाती बेहद तनावपूर्ण होती है। ऐसे माहौल में योग न केवल शरीर को फिट रखता है, बल्कि मानसिक स्थिरता और आत्मबल भी बढ़ाता है। योग अब जवानों की दिनचर्या का हिस्सा बनता जा रहा है — यह सिर्फ एक व्यायाम नहीं, बल्कि आंतरिक शांति का जरिया है।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2015 में मान्यता मिलने के बाद से, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को अब 170 से अधिक देशों में मनाया जाता है। यह भारत की सांस्कृतिक शक्ति और आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक बन चुका है।
आरएस पुरा में बीएसएफ जवानों ने यह दिखा दिया कि चाहे हालात कितने भी कठिन क्यों न हों, योग का अभ्यास हर जगह संभव है। योग उन्हें न सिर्फ युद्ध के मोर्चे पर मजबूत बनाता है, बल्कि मानसिक संतुलन और सेवा भावना को भी गहराई देता है।
International Yoga Day 2025 ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि योग केवल मैट पर किया जाने वाला अभ्यास नहीं, बल्कि यह एक जीवनशैली है — जो देश की रक्षा करने वाले वीर जवानों की भी ताकत बन चुका है।
