
नई दिल्ली: बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर कवायतें जोरो पर बताई जा रही है। संसद सत्र के ऐलान के बाद वरिष्ठ बीजेपी नेताओं के बीच नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन को लेकर चिंतन-मनन जारी बताया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक कौन बनेगा भाजपा का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष? इस बारे में जल्द ही आरएसएस को भी अवगत करा दिया जायेगा। हालांकि अंतिम फैसले पर लगने वाली मुहर से पहले इस बात को लेकर सस्पेंस बरकरार है कि पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की पहली पसंद कौन है ? कई नामों की चर्चा हो रही है, इनमे एक नया नाम छत्तीसगढ़ के विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह का भी जुड़ गया है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम कों लेकर अंतिम सहमति नहीं बन पाई थी।

ऑपरेशन सिन्दूर के बाद ‘मसले’ को टाल दिया गया था। हालांकि, आधिकारिक तौर पर संगठन चुनाव को लेकर अभी तक पार्टी की तरफ से कुछ भी नई जानकारी नहीं दी गई है। उच्च पार्टी सूत्र तस्दीक कर रहे है कि अब 4 वरिष्ठ नेताओं का नाम रेस में सामने आया है। इसमें चौंकाने वाला नाम छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का बताया जा रहा है। उनके मुताबिक राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए संगठन चुनाव की प्रक्रिया अधिकांश राज्यों में पूरी हो चुकी है, हाल ही में उत्तर प्रदेश में भी जिला अध्यक्षों के नाम की घोषणा कर दी गई है। अब अनुकूल समय का इंतजार किया जा रहा है, जल्द ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का भी चुनाव संपन्न हो जाएगा।

बीजेपी के राजनैतिक गलियारों से सामने आ रही खबरों के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन से पहले कोर ग्रुप ने कई राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष के चयन को भी अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है, उनके नामों की भी जल्द घोषणा की जा सकती है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक सोशल इंजीनियरिंग का बखूबी ख्याल रखते हुए उत्तराखंड में पार्टी अध्यक्ष के लिए ब्राह्मण चेहरे पर जोर दिया जा रहा है। इस वर्ग को यहाँ सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है। जबकि उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण के बजाय पिछड़े वर्ग से अध्यक्ष बनाने की मांग तेज हो गई है। इस बारे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से राय मशवरा भी किया गया है।

इसी तर्ज पर मध्य प्रदेश में अब तक का फार्मूला – मुख्यमंत्री OBC और प्रदेश अध्यक्ष ब्राह्मण को प्राथमिकता देने के बजाय पार्टी अब जनजातीय नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर विचार कर रही है, उसका मानना है कि आदिवासी बाहुल इस राज्य में वर्तमान में कोई प्रभावशील आदिवासी प्रतिनिधित्व नहीं है। राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए जिन दिग्गज नेताओं के नाम चर्चा में हैं, उनमें केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, कैबिनेट मंत्री मनोहर लाल खट्टर, छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह जैसे दिग्गज नेता शामिल हैं।



पार्टी सूत्रों के मुताबिक इन नेताओं का नाम संगठनात्मक अनुभव के आधार पर मजबूत माने जा रहे हैं, तो कुछ नाम राजनीतिक प्रतिनिधित्व और सामाजिक संतुलन को ध्यान में रखकर चयन किये गए है। देश में बीजेपी के सर्वाधिक समय तक लगातार मुख्यमंत्री के पद पर आसीन रहने का सेहरा पीएम मोदी के सिर बंधा है। इसके बाद डॉ. रमन सिंह दूसरे पायदान पर आते है। गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी लगभग 4 बार तक तो डॉ. रमन सिंह 3 बार तक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल चुके है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा वर्तमान में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, जिनका कार्यकाल पहले ही लोकसभा चुनाव तक बढ़ाया जा चुका है। नड्डा जनवरी 2020 में अध्यक्ष बने थे और 2023 में उनका कार्यकाल 2024 के आम चुनाव तक बढ़ाया गया था। अब जबकि बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे बड़े राज्यों में विधानसभा चुनाव सिर पर है, बीजेपी के भीतर नेतृत्व में बदलाव की चर्चाएं तेज हो गई हैं। बीजेपी का नया अध्यक्ष 2026 के विधानसभा चुनावों और 2029 के आम चुनावों के लिए रणनीति बनाने में अहम भूमिका निभाएगा। ऐसे में यह चुनाव सिर्फ संगठनात्मक परिवर्तन नहीं बल्कि पार्टी की भविष्य की दिशा और प्राथमिकताओं को भी तय करेगा।

बीजेपी सूत्रों के अनुसार, जून के दूसरे सप्ताह में राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव की अधिसूचना जारी कर सकती है। इसके तहत सबसे पहले राज्य स्तर पर संगठनात्मक चुनाव पर अंतिम मुहर लगते ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का ऐलान किया जायेगा। अध्यक्ष चयन की प्रक्रिया आम सहमति के अनुसार तय होने की संभावना जाहिर की जा रही है। हालांकि संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया पारदर्शितापूर्ण बनाये रखी जाएगी। इसमें नामांकन, छंटनी और मतदान जैसे चरण भी शामिल होंगे। निष्पक्ष चुनाव के मद्देनजर केंद्रीय चुनाव समिति गठित किये जाने की कवायतें भी जारी बताई जाती है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक यह स्पष्ट नहीं है कि जे. पी. नड्डा दोबारा चुनाव लड़ेंगे या पार्टी कोई नए चेहरे को मौका देगी। राजनैतिक गलियारों में इस मामले को लेकर ही कयासों का दौर जारी है।