नई दिल्ली: लोकसभा सत्र की तैयारियों के बीच कई दिग्गज कांग्रेसी नेताओं के कदम तेजी से बीजेपी के हलकों की ओर बढ़ रहे है। कांग्रेस को समझाने-बुझाने से बेहतर राह उन्हें बीजेपी की ओर कदम बढ़ाने के लिए ओत-प्रोत कर रही है। शशि थरूर के अलावा कई ऐसे कांग्रेसी नेता है, जिन्हे भारत का पक्ष रखने का खामियाजा भोगना पड़ रहा है। भारतीय प्रतिनिधि मंडल में शामिल विभिन्न दलों के नेताओं में कांग्रेस को छोड़ शेष दलों में आपसी सौहाद्र अभी भी कायम बताया जाता है। जबकि दिग्गज कांग्रेसी नेताओं को पार्टी के भीतर आलोचना का शिकार होना पड़ा है। अब ऐसे नेताओं की कांग्रेस के भीतर राह मुश्किल में बताई जा रही है। शशि थरूर ने तो अमेरिका से ही जवाब भेज कर आलोचना करने वालों को आइना दिखाना शुरू कर दिया है।

पाकिस्तान और आतंकवाद के मुद्दे पर विदेश यात्रा में सहभागी बने नेता इन दिनों अपने भविष्य की राह को लेकर चिंतित बताये जाते है। ये नेता भारत की एकजुटता के लिए पसीना बहा रहे है। इस फेहरिस्त में कांग्रेस सांसद शशि थरूर के भविष्य को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया है। पार्टी में विरोध के स्वर सामने आने के बाद थरूर ने इस पर खुलकर बोला है। कांग्रेस नेताओं की आलोचना का सामना कर रहे थरूर ने कहा है कि अगर किसी को लगता है कि देश हित में बात करना पार्टी विरोधी है, तो उन्हें खुद से सवाल करना चाहिए।

उनकी भविष्य की राह और राजनीति, आने वाले दिनों क्या फैसला लेंगे, शशि थरूर जब यह सवाल किया गया तो उन्होंने बड़ा नपा-तुला जवाब दिया। उनसे पूछा गया कि सोशल मीडिया पर अटकलों का दौर जारी है, क्या आप कांग्रेस में रहेंगे या भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो जाएंगे? इस पर थरूर ने कहा, ‘मैं संसद का निर्वाचित सदस्य हूं और कार्यकाल के 4 साल बचे हैं। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि ऐसे सवाल क्यों किए जा रहे हैं।’

भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अमेरिका यात्रा को लेकर हो रही आलोचना पर भी थरूर ने सफाई दी। उन्होंने कहा, ‘सच बताऊं तो मुझे लगता है कि जब कोई देश की सेवा कर रहा है, तो मुझे नहीं लगता कि किसी को इन चीजों की चिंता करने की जरूरत है। मैंने देखा कि मेरे दोस्त सलमान खुर्शीद ने सवाल किया था कि क्या आजकल क्या हमारे देश में देशभक्त होना इतना मुश्किल है।’

शशि थरूर यही नहीं रुके, आगे कहा, ‘और मुझे लगता है कि जो भी यह सोचता है कि राष्ट्रहित में काम करना किसी तरह की पार्टी विरोधी गतिविधि है, तो उसे हमसे सवाल करने के बजाए खुद से पूछना चाहिए। मैं सच बताऊं तो मुझे लगता है कि इस समय हमें हमारे मिशन पर फोकस करना है और हम इस बात पर ज्यादा समय खर्च नहीं करते कि क्या कहां जा रहा है और क्या नहीं। क्योंकि हमारे लिए इस चीज पर ध्यान लगाना ज्यादा जरूरी है।’ फ़िलहाल, पीएमओ से लेकर बीजेपी हेडक्वाटर तक राजनैतिक सरगर्मियां तेज है। भारतीय प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों की जल्द ही पीएम से मेल-मुलाकात तय मानी जा रही है। राहुल गाँधी के हालिया बयानों और ऑपरेशन सिन्दूर को लेकर जारी क़वायतों के बीच कहा तो यह भी जा रहा है कि कई दिग्गज कांग्रेसी बीजेपी के भीतर अपना नया ठिकाना ढूढ़ रहे है।
