मुंबई: सिने अभिनेता आमिर खान नई फिल्मों और आइडियाज को लेकर सुर्ख़ियों में बने रहते है। ‘तुम्हारा खून खून और हमारा खून पानी’ डायलॉग इन दिनों उनकी जुबान पर है। ‘सितारे जमीन पर’ के प्रमोशन में बिजी आमिर खान फ़िल्मी दुनिया को लेकर लगातार अपनी बाते रख रहे है, प्रेस मीडिया में इंटरव्यूज भी दे रहे हैं. उन्होंने हाल ही में रीमेक फिल्म बनाने का ऐलान किया है। दरअसल, राज शमानी के पॉडकास्ट में जब उनसे पूछा गया कि ऐसा कभी दिमाग में होता है क्या कि मैं फिल्म की स्टोरी एडॉप्ट कर रहा हूं तो मैं किसी का काम कॉपी कर रहा हूं?
इस पर आमिर ने कहा, ‘ओरिजिनल वर्क वर्सेस अप्टेशन या रीमेक में मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है. रीमेक करने में मुझे नहीं लगता है मेरी क्रिएटिविटी कम हो रही है. मैं अपने लिए तो नया काम कर रहा हूं. ये किसी और ने ये कहानी बनाई है. अब मैं इसको अपना नजरिया दे रहा हूं. और टीम अपना नजरिया दे रही है और हम अपनी एनर्जी इसमें फूंक रहे हैं. जान डाल रहे हैं. वो टोटली अनरिलेटेड है उस टीम से जिसने वो किया है.’

आमिर खान ने शेक्सपियर का जिक्र करते हुए कहा कि ‘आज तक थिएटर में नंबर वन प्ले शेक्सपियर है वर्ल्ड का. आज तक हर भाषा में शेक्सपियर करते हैं. और उसके लिए हम लोग कहते हैं कि वाह शेक्सपियर कर रहा है. क्यों भाई? रीमेक है वो उसको बंद करो. आप अपना नाटक लिखो ना. शेक्सपियर को क्यों कर रहे हो आज तक? 400 साल हो गए अभी तक शेक्सपियर ही कर रहे हो आप. शेक्सपियर के प्ले जब करते हैं तो तारीफ मिलती है. वो भी तो रीमेक है ना भाई. गलत थिंकिंग है ये.’ ‘डबल स्टैंडर्ड्स नहीं है ये? शेक्सपियर करूंगा मैं तो वाह-वाह और अगर मैंने स्पैनिश फिल्म का रीमेक लिया तो नहीं. क्यों? स्पैनिश वाले कुछ गलत कर रहे हैं क्या? आई लाइक दिस तुम्हारा खून खून और हमारा खून पानी.’
आमिर खान ने यह भी कहा कि उन्हें रीमेक करने में कोई दिक्कत नहीं है। उनके मुताबिक ‘रिमेक्स का ये जो डिस्कशन है ना ये मुझे बहुत फिजूल लगता है और इसमें मैं बिलीव ही नहीं करता हूं. गजनी को तमिल में मुर्गदास बना चुका है. लेकिन मैं अपने नजर से कर रहा हूं और मेरी ऑडियंस के लिए मैं अपना अपनी एनर्जी उसमें डाल के आपको दिखा रहा हूं. तो मुझे लगता है मेरा काम उससे अलग ही है. उसने जो बनाया अच्छा बनाया है. मैं नहीं बोल रहा हूं अच्छा नहीं बनाया. लेकिन हमने जो बनाया वो उसमें अपना एक अलग क्वालिटी आती है. तो मुझे ना रीमेक बनाने में पहले तकलीफ थी ना आज तकलीफ है.’
