
बिलासपुर/रायपुर: छत्तीसगढ़ में एक बार फिर बढ़ा राशन घोटाला फूटा है। सरकारी योजनाओं के तहत मुहैया कराई जाने वाली खाद्य सामग्री में 5 वर्ष तक बड़े पैमानों में अफरा-तफरी किये जाने की तस्दीक हुई है। बिलासपुर जिला प्रशासन ने इस खेल में शामिल कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज करने की तैयारी की है। दागी कांग्रेसी नेताओं को खाद्य विभाग ने बाकायदा नोटिस जारी कर क़ानूनी कार्यवाही की चेतावनी दी है। बिलासपुर के अलावा दुर्ग, राजनांदगांव, कवर्धा, धमतरी, महासमुंद, जशपुर, और बस्तर संभाग के कई इलाकों में भी राशन घोटाले की जानकारी सामने आई है। इन जिलों में PDS योजनाओं पर कांग्रेसी नेताओं ने जमकर हाथ साफ किया।

बिलासपुर में भूपे अभियान से प्रभावित कांग्रेसी नेताओं के हाथों में PDS संचालित राशन की दुकानों बागडोर सौंप दी गई थी। जानकारी के मुताबिक इन नेताओं की पांच शासकीय उचित मूल्य दुकानों में 54.28 लाख रुपए के चावल, शक्कर और नमक की अफरा-तफरी किए जाने का खुलासा हुआ है। इस मामले में कांग्रेस के प्रवक्ता अभय नारायण राय के पुत्र और एनएसयूआई के पूर्व जिलाध्यक्ष अमितेश राय की भूमिका सामने आई है। इसके चलते जिला प्रशासन ने पार्षद पति जुगल किशोर गोयल सहित 16 लोगों को वैधानिक कार्यवाही की चेतावनी दी है। खाद्य विभाग ने नोटिस जारी कर ये सभी शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालित करने वाली समितियों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, प्रबंधक या फिर विक्रेता के पदों पर काबिज पदाधिकारियों को नुकसान की भरपाई के लिए नोटिस दिया है। इसमें खाद्य नियंत्रक द्वारा एफआईआर दर्ज करने की चेतावनी दी गई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार PDS संचालित इन 5 राशन दुकानों में चावल, शक्कर और नमक वितरण करने के बजाय गायब कर दिया गया था। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में पूर्व मुख्यमंत्री के करीबी और अरपा विकास प्राधिकरण के तत्कालीन उपाध्यक्ष अभय नारायण राय के पुत्र अमितेश राय द्वारा बिलासपुर के वार्ड क्रमांक- 42 में खैर माता खाद्य सुरक्षा पोषण सहकारी समिति का संचालन किया जा रहा था। बताया जाता है कि 23 सितंबर 2024 को जांच में इस दुकान में 295.49 क्विंटल चावल, 2.60 क्विंटल शक्कर, 3.35 क्विंटल नमक कम प्राप्त हुआ था। इस सरकारी सामग्री को खुले बाजार में बेचे जाने की जानकारी भी सामने आई है।

सूत्र तस्दीक करते है कि अफरा-तफरी की पुष्टि होने के बाद इस दुकान को निलंबित कर दिया गया था। इस दौरान भी इस दुकान को अन्यत्र अटैच करने पर हस्तांतरण के दौरान 285.48 क्विंटल चावल कम पाया गया था। जानकारी के मुताबिक सत्यापन में भी जांच दल को चावल की मात्रा कम प्राप्त हुई थी। गायब माल की कीमत 11 लाख 98 हजार 20 रुपए आंकी गई है। विभागीय जानकारी के मुताबिक 7 मई को दुकान के विक्रेता व अध्यक्ष अमितेश के साथ ही सचिव रामकुमार कश्यप को प्रशासन द्वारा पहला नोटिस जारी किया गया था।

इसमें भी एफआईआर दर्ज करने की चेतावनी भी दी गई थी। बावजूद इसके संचालकों ने प्रशासन को नोटिस का जवाब तक देना दरकिनार कर दिया था। सूत्र बताते है कि गरीबों का राशन हजम करने वालों को 23 मई को फिर से प्रशासन द्वारा नोटिस भेजा गया था। विभागीय जानकारी के मुताबिक वार्ड 38 टिकरापारा में संचालित जय माता दी प्राथमिक उपभोक्ता भंडार में 9 मार्च 2022 में जांच में खाद्यान्न की कमी मिली थी। जांच उपरांत इस राशन दुकान को भी निलंबित कर दिया गया था।

यहाँ भौतिक सत्यापन के दौरान 191.40 क्विंटल चावल और 0.62 क्विंटल शक्कर कम प्राप्त हुआ था। इसकी कीमत 8 लाख 5 हजार 939 रुपए आंकी गई है। इसी तरह 7 मई को दुकान की संचालन समिति के अध्यक्ष शरद केशरी, प्रबंधक जुगल किशोर गोयल और विक्रेता मुकुल चौहान को नोटिस दिया गया था। समिति को गबन किए गए खाद्यान्न की पूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए थे। इसी तर्ज पर नेहरू नगर में संचालित मां अन्नपूर्णा शासकीय उचित मूल्य दुकान के अध्यक्ष गीतांजली यादव, सचिव कमल रजक व विक्रेता रविंद्र यादव को नोटिस दिया गया था। बताते है कि जांच में इस दुकान में भी गोलमाल पाया गया। इस राशन दुकान में 182.32 क्विंटल चावल, 1.18 क्विंटल नमक कम मिला था। इसकी कीमत 7 लाख 66 हजार 288 रुपए आंकी गई है।

विभागीय जानकारी के मुताबिक वार्ड 39 की दुकान में 13 लाख से ज्यादा का खाद्यान्न गायब पाया गया। इस वार्ड में संचालित मां भवानी राशन दुकान में 306.68 क्विंटल चावल, 4.59 क्विंटल शक्कर, 1.69 क्विंटल नमक कम प्राप्त हुआ था। इसकी कीमत 13 लाख 8 हजार 863 रुपए आंकी गई है। इसी तरह वार्ड क्रमांक 47 के महिला शक्ति राशन दुकान में 118.70 क्विंटल चावल, 3.23 क्विंटल शक्कर कम मिला। इसकी कीमत 5 लाख 12 हजार 331 रुपए आंकी गई है। इस समिति की अध्यक्ष पूनम गुप्ता, सचिव दुर्गा धुरी और विक्रेता राजीव गुप्ता को प्रशासन ने नोटिस जारी किया है।

वार्ड क्रमांक 48 में जोग माया खाद्य समिति के द्वारा संचालित राशन दुकान का भी यही हाल बताया जाता है। यहाँ जांच के दौरान 8 लाख 37 हजार 624 रुपए का चावल, शक्कर और नमक कम प्राप्त हुआ था। पुष्टि होने के बाद समिति की अध्यक्ष जोगमाया, उपाध्यक्ष कृष्णा भट्टाचार्य, विक्रेता शंख भट्टाचार्य को नोटिस जारी किया गया है। उधर कांग्रेसी सूत्र तस्दीक करते है कि राशन घोटाले की जद में आये लोगों से कांग्रेस पार्टी का कोई लेना देना नहीं है, नाम ना छापने की शर्त में कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दावा कर रहे है कि ऐसे घोटालेबाज पार्टी के नहीं अपितु पूर्व मुख्यमंत्री के गिरोह के सिपाही है। फ़िलहाल, राजनैतिक गलियारों में राशन माफिया और चावल चोरो की टोली में प्रशासन की कार्यवाही को लेकर हड़कंप देखा जा रहा है, मामले के राजनैतिक रंग लेने के आसार भी जाहिर किये जा रहे है।

उधर कांग्रेसी सूत्र तस्दीक करते है कि राशन घोटाले की जद में आये लोगों से कांग्रेस पार्टी का कोई लेना देना नहीं है, नाम ना छापने की शर्त में कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दावा कर रहे है कि ऐसे घोटालेबाज पार्टी के नहीं अपितु पूर्व मुख्यमंत्री के गिरोह के सिपाही है। उनके मुताबिक कांग्रेस के सच्चे सिपाहियों ने पूर्व मुख्यमंत्री के कार्यकाल के बीते 5 वर्षों में सत्ता को आय का साधन नहीं बनाया था।

ऐसे कार्यकर्ता गरीबों के राशन के रखवाले है, जबकि सत्ता का दुरुपयोग कर लाभ अर्जित करने वाले अदालत, थाने पुलिस, एसीबी ईओडब्ल्यू, आईटी-ईडी और सीबीआई के चक्कर काट रहे है। प्रदेश में बड़े पैमाने पर राशन घोटाला सामने आने के बाद बीजेपी ने मामले की तह तक जाने का ऐलान किया है। बीजेपी नेता गौरीशंकर श्रीवास ने कहा कि राज्य सरकार ने सभी जिलों में PDS की खाद्यान्न सामग्री की जांच के निर्देश दिए है। उन्होंने दावा किया कि ‘अन्य घोटालों की तर्ज पर PDS घोटाले की जांच भी अंजाम तक पहुंचेगी, गरीबों का राशन हजम करने वालों से हिसाब-किताब लिया जायेगा ?