रायपुर: छत्तीसगढ़ में मोटे भुगतान के बावजूद यथोचित इलाज नहीं करने वाले डॉक्टरों और उनके संस्थानों के खिलाफ राज्य सरकार ने कड़ी कार्यवाही का फरमान जारी कर दिया है। अब मेडिकल संस्थानों को मरीजों का रुख करना होगा, उनके स्वास्थ का बखूबी ध्यान भी रखना होगा, अन्यथा सुशासन का डंडा चलने में देर नहीं लगेगी। ताजा मामला रायपुर के NHMMI अस्पताल का है। सेवा के नाम पर मेवा लूटने वाले इस अस्पताल का लाइसेंस निरस्त कर राज्य सरकार ने अपने कड़े तेवर दिखाए है। उसके रुख से उन लाखों पीड़ित परिवारों को राहत की उम्मीद बंधी है, जो अच्छे इलाज और मेडिकल सुविधाओं के मद्देनजर निजी अस्पतालों का रुख कर रहे है।

यहाँ इलाज के नाम पर जारी लूट पर लगाम लगना, दूर की कौड़ी समझी जाती थी। लेकिन सुशासन तिहार की बेला में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार ने पीड़ित जनता के दुःख दर्द से रूबरू होना शुरू कर दिया है। उड़नखटोले में सवार मुख्यमंत्री साय दुरस्त ग्रामीण अंचलों की खांक छान रहे है। सरकारी मशीनरी को पटरी में लाने की उनकी कवायत रंग लाते दिख रही है। अब सक्रिय हो चुकी सरकारी मशीनरी ने अपनी राह पकड़ ली है। मरीजों की जान-माल और जन-धन की सुरक्षा के लिए उन अस्पतालों पर भी शिकंजा कसा जा रहा है, जो इलाज के नाम पर मरीजों को कंगाल बना रहे है। मरीजों के खून से सजी मौत के ऐसे सौदागरों की इमारतों पर अब प्रशासन ने भी एयर स्ट्राइक करना शुरू कर दिया है।

NHMMI अस्पताल का वो निलंबन आदेश सामने आया है, जिसके तहत इस अस्पताल में अब ताला लटकने के आसार बढ़ गए है। रायपुर के NHMMI अस्पताल के इस निलंबन आदेश में अस्पताल प्रबंधन पर 20 हज़ार का जुर्माना लगाते हुए दंडनीय कार्यवाई से अवगत कराया गया है। जानकारों के मुताबिक इस आदेश के तहत अस्पताल में अब OPD तत्काल प्रभाव से बंद करने और नए मरीजों की भर्ती करने पर रोक सुनिश्चित किया जाना है। ताकि निश्चित समय सीमा के भीतर यहाँ पहले से भर्ती मरीजों को उचित स्वास्थ सुविधा प्रदान की जा सके।लेकिन जानकार हैरानी जता रहे है कि आदेश जारी होने के बावजूद NHMMI प्रबंधन ने OPD यथावत जारी रखी है। यही नहीं, नए मरीजों की भर्ती भी जारी है। जबकि आदेश में सब कुछ साफ़ कर दिया गया है।

NHMMI को जारी निलंबन आदेश में स्पष्ट किया गया है कि दिनांक 12.09.2024 को एयर एम्बुलेंस में ले जाते समय भारती देवी खेमानी की मृत्यु हो जाने के कारण आपके संस्था एन.एच.एम.एम.आई. हॉस्पिटल लालपुर, रायपुर के विरूद्ध किये गये शिकायत की जीभ प्रतिवेदन अनुसार मरीज को बिना डॉक्टर के एम्बुलेंस में अस्पताल से एयरपोर्ट तक पहुंचाने के दरमियान लापरवाही बरती गयी है। जो कि नर्सिंग होम एक्ट के निम्न धाराओं का उल्लंघन है-

आदेश के मुताबिक अस्पताल प्रबंधन द्वारा नर्सिंग होम एक्ट की धारा 9 (1) में उल्लेखित प्रावधान तथा मानक के 1 स्थापना में विनिर्दिष्ट नियम के अनुसार अनुसूची (1) के (क) (3.2) (3.3) का उल्लंघन किया गया है। अस्पताल प्रबंधन द्वारा नर्सिंग होम एक्ट अध्याय 3 के धारा 12 का (1) का उल्लंघन किया जाना पाया गया है, जो कि अनुज्ञा पत्र के संबंध में बनाये गये प्रावधान का उल्लंघन करता है जो राशि रू. 20,000 के जुर्मान से दण्डनीय है। अतः संचालक स्वास्थ्य सेवायें छ.ग. आदेशानुसार नर्सिंग होम एक्ट 9 (1) में उल्लेखित प्रावधान तथा मानक के स्थापना में विनिर्दिष्ट नियम के अनुसार अनुसूची (1) के (क) (32) (33) का उल्लंघन हेतु आपके संस्था एन.एच.एम.एम.आई. हॉस्पिटल लालपुर, रायपुर का अनुज्ञा पत्र का निलंबन एवं निरस्तीकरण हेतु 30 दिवस का नोटिस जारी किया जाता है।

आदेश में जुर्माने को लेकर साफ किया गया है कि नर्सिंग होम एक्ट अध्याय 3 के धारा -12 का (1) का उल्लंघन हेतु 20,000 (बीस हजार रू मात्र) का जुर्माना किया जाता है, उक्त राशि Supervisory Authority Raipur के नाम से डिमांड ड्राफ्ट कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला रायपुर में जमा करना सुनिश्चित करें। इधर इस आदेश के सार्वजनिक होने के बाद मरीजों के खून से सनी धन्नासेठों की इमारतों में सरगर्मियां तेज देखी जा रही है। राज्य सरकार के इस आदेश की ना फ़रमानी सुनिश्चित किये जाने को लेकर बैठकों का दौर शुरू हो गया है।

इसके तहत आज NHMMI अस्पताल में ना केवल OPD जारी रखी गई, बल्कि लाभ प्रदाता कंपनी के हितों को ध्यान में रखते हुए नए मरीजों को भी ‘कारखाने’ में जमा करना जारी रहा। इस अस्पताल के कैश काउंटर में भी दिन भर नोटों की बारिश होते रही। सूत्र तस्दीक करते है कि राज्य सरकार के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती देने के लिए धन्नासेठों ने अपनी तिजोरी खोल दी है। मुंबई, दिल्ली और बिलासपुर में कई महंगे वकीलों को इस आदेश की प्रति भेज कर ‘स्टे’ प्राप्त करने का पुरजोर प्रयास शुरू कर दिया गया है। फ़िलहाल, निजी अस्पतालों में इलाज के लिए निर्भर प्रदेश भर के लाखों मरीजों कों साय सरकार का उनके प्रति संवेदनशील नजरियां खूब रास आ रहा है। NHMMI का लाइसेंस निरस्त होने से कई पीड़ित परिवार भी मुख्यमंत्री को शुक्रिया अदा कर रहे है।