दिल्ली/मुंबई/रायपुर: डिजिटल सट्टा कारोबार पर केंद्रीय जांच एजेंसियों ने अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में इस कारोबार को बैन करने के लिए दायर याचिका की सुनवाई के बाद एजेंसियों की सक्रियता जोरो पर है। दुबई से संचालित यह कारोबार देशभर में अपनी जड़े जमा चूका है। छत्तीसगढ़ का भिलाई इसका एपिक सेंटर बताया जाता है। यह भी बताया जाता है कि देश-विदेश में बैठे सटोरियों को कृपा यही से बरस रही थी। इस घोटाले में शामिल तमाम मुख्य आरोपी भिलाई के मूल निवासी ही नहीं बल्कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के करीबी बताये जाते है।

एक ताजा मामले में खुलासा हुआ है कि पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के सट्टा कारोबार में कई नामी-गिरामी कंपनियों के कर्ता-धर्ता भी शामिल थे। इस फेहरिस्त में शराब कारोबारियों से लेकर ट्रैवल एजेंसियों की भूमिका भी सामने आ रही है। ट्रैवल बुकिंग फर्म ईजी ट्रिप प्लानर्स लिमिटेड (ईजमाईट्रिप) के सीईओ निशांत पिट्टी तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महादेव सट्टेबाजी ऐप घोटाले की जांच आगे बढ़ा दी है। जांच में जुटी ED ने पिट्टी पर ऑपरेटरों के एक नेटवर्क के साथ मिलीभगत करने का आरोप लगाया है। जानकारी के मुताबिक निशांत पिट्टी ने कथित तौर पर 25 कंपनियों के शेयरों की कीमतें बढ़ा दी थी। छापेमारी के दौरान ईडी को पिट्टी के घर से 7 लाख रुपये बरामद हुए, जो बेटिंग ऐप के पैसे बताए जा रहे हैं।


ईडी सूत्रों के मुताबिक कंपनी ने निश्चय ट्रेडिंग और सिल्वरटॉस शॉपर्स जैसी नकली कंपनियों को भी पैसे ट्रांसफर किए, जिनका इस्तेमाल गैरकानूनी कामों के लिए किया गया था। हालांकि Ease My Trip ने कंपनी पर लगे सभी आरोपों को झूठा बताया है। उसका कहना है कि “ED को हमारे दफ्तर से कोई सबूत नहीं मिला।” पिट्टी ने कहा कि जब्त किए गए 7 लाख रुपये उनकी निजी बचत का हिस्सा हैं, जिसे उन्होंने IT रिटर्न में दिखाया है। उधर ED की छापेमारी के बाद EaseMyTrip के शेयर 8.6% गिरे, लेकिन बाद में स्थिर हो गए है। ED ने घोटाले से जुड़े 2,295 करोड़ रुपये के बैंक अकाउंट्स और प्रॉपर्टीज फ्रीज कर दिए हैं।

मास्टरमाइंड सौरभ चंद्राकर को 2023 में दुबई से गिरफ्तार किया गया था। निशांत पिट्टी के ईडी के लपेटे में आने के बाद कंपनी के शेयर में आज गिरावट देखी गई है। ईजी ट्रिप प्लानर्स लिमिटेड के शेयर आज कारोबार के दौरान 2% से अधिक गिरकर 11.70 रुपये के इंट्रा डे लो पर आ गए थे। EaseMyTrip के शेयरों का 52 वीक हाई प्राइस 23.12 रुपये और 52 वीक लो प्राइस 10.80 रुपये है। बता दें पिछले दिनों ईडी ने EaseMyTrip के गुरुग्राम कार्यालय समेत 50 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की थी। यह छापेमारी महादेव बेटिंग ऐप मामले में ईजमाईट्रिय के प्रमोटर निशांत पिट्टी से जुड़े कई स्थानों पर की गई। हालांकि, कंपनी ने बयान जारी किया है और कहा है कि कंपनी का महादेव बेटिंग ऐप या किसी अन्य सट्टेबाजी ऐप से कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संबंध नहीं है।

छत्तीसगढ़ में महादेव ऐप घोटाले ने राजनैतिक तूफ़ान ला खड़ा किया है। पूर्व मुख्यमंत्री बघेल और उनकी टोली में शामिल आधा दर्जन आईपीएस अधिकारी इस कारोबार को संचालित कर रहे थे। इसमें मुख्य भूमिका 2001 बैच के आईपीएस आनंद छाबड़ा, 2004 बैच के अजय यादव, 2005 बैच के शेख आरिफ और 2007 बैच के प्रशांत अग्रवाल की बताई जाती है। सीबीआई ने अजय यादव को छोड़ शेष सभी आईपीएस अधिकारियों के ठिकाने पर छापेमारी की थी।




यह भी बताया जाता है कि सट्टा कारोबार में शामिल ट्रैवल कंपनियों के जरिये ही छत्तीसगढ़ कैडर के ज्यादातर आईपीएस अफसरों ने देश-विदेश की यात्रायें की थी। सटोरियों द्वारा इन्हे हर माह 20 से 50 लाख तक का भुगतान किया जाता था। दोहरे पद पर तैनात आईपीएस अफसर को दुबई में बैठे सटोरिये बतौर प्रोटेक्शन मनी प्रतिमाह मोटा भुगतान करते थे। पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के खिलाफ प्रदेश में ACB-EOW ने महादेव ऐप घोटाले में FIR दर्ज कर मामला विवेचना में लिया है।

सीबीआई ने पूर्व मुख्यमंत्री के ठिकानों पर छापेमारी कर कई अहम सबूत जब्त किये थे। हालांकि कई राजनैतिक कारणों को लेकर बघेल की गिरफ्तारी अधर में लटकी बताई जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री और उनकी आईपीएस टोली ने साल दो साल के भीतर लगभग 15,000-20,000 करोड़ का वारा-न्यारा किया था। इसमें क्रिकेट मैच, कैसीनो गेम्स पर लोगों से पैसा लेकर हवाला और शेल कंपनियों के जरिए ब्लैक मनी देश-विदेश में खपाई गई थी। लोकल एजेंट्स को सट्टा पैनल फ्रेंचाइजी देकर इसमें यूजर्स को जोड़ा जाता था। हवाला के जरिये अवैध कमाई को दुबई भेजकर भारतीय शेयर मार्केट में निवेश किया जाता था।