आतंकवाद को लेकर जीरो टॉलरेंस का कड़ा संदेश देने के लिए भारत की ओर से सात सांसदों वाला सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल कई देशों का दौरा करने वाला है. इसका नेतृत्व 7 बड़े नेता करेंगे, जिसमें रविशंकर प्रसाद, बैजयंत पांडा, संजय कुमार झा और श्रीकांत शिंदे एनडीए से शशि थरूर, सुप्रिया सुले और कनीमोझी करुणानिधि विपक्षी दलों से हैं.
सूत्रों के हवाले से पता चला है कि शशि थरूर अमेरिका में, रविशंकर प्रसाद मिडिल ईस्ट, कनिमोझी रूस और स्पेन, सुप्रिया सुले दक्षिण अफ्रीका, मिस्र और केन्या, संजय झा जापान और मलेशिया, बैजयंत पांडा वेस्टर्न यूरोप और श्रीकांत शिंदे यूएई और अफ्रीकी देश का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. ये दौरा 23 मई से शुरू होकर 10 दिनों तक चलेगा. प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल लगभग पांच देशों का दौरा कर सकता है.
अनुराग ठाकुर, अपराजिता सारंगी, मनीष तिवारी, असदुद्दीन ओवैसी, अमर सिंह, राजीव प्रताप रूडी, समिक भट्टाचार्य, बृज लाल, सरफराज अहमद, प्रियंका चतुर्वेदी, विक्रमजीत साहनी, सस्मित पात्रा और भुवनेश्वर कलिता सहित अलग-अलग दलों के सांसद इन प्रतिनिधिमंडलों का हिस्सा होंगे. इसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद को भी शामिल किया गया है, जो फिलहाल सांसद नहीं हैं. सरकार ने टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय को भी शामिल होने के लिए बोला था लेकिन उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से मना कर दिया.
इस प्रतिनिधिमंडल के अंतर्राष्ट्रीय दौरे का इंतजाम देखने की जिम्मेवारी सरकार ने केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू को सौंपी है. केंद्र सरकार पाकिस्तान की ओर से प्रायोजित आतंकवाद पर भारत का रुख दुनिया के सामने पेश करने के लिए कई दलों के सांसदों को भेज रही है. सरकार ने ये कदम ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देने के बाद उठाया है. पाकिस्तान ने इसको लेकर पूरी दुनिया में फेक नैरेटिव चलाया और कहा कि भारत ने उसके आम नागरिकों और मस्जिदों को निशाना बनाया, जबकि हकीकत ये है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया गया. 5 पीओके और 4 पाकिस्तान के अंदर थे.