उत्तर प्रदेश के मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है. अब मदरसों में भी कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को विज्ञान और गणित जैसे आधुनिक विषय पढ़ाए जाएंगे. सरकार ने यह फैसला छात्रों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ने और उनके भविष्य को और मजबूत बनाने के लिए लिया है. अब तक मदरसों में कक्षा 1 से 8 तक का पाठ्यक्रम बेसिक शिक्षा परिषद के अनुसार होता था, लेकिन 9वीं से 12वीं तक उर्दू, अरबी और फारसी जैसी पारंपरिक भाषाएं ही प्रमुख रूप से पढ़ाई जाती थीं. अब इसमें बदलाव करते हुए यूपी बोर्ड की तर्ज पर विज्ञान और गणित जैसे विषयों को भी सिलेबस में शामिल किया जाएगा.
इस फैसले को लागू करने के लिए जल्द ही समाज कल्याण निदेशक की अध्यक्षता में एक कमेटी की बैठक होगी, जिसमें नए पाठ्यक्रम पर विस्तार से चर्चा की जाएगी. प्रदेश में इस समय 13,329 मान्यता प्राप्त मदरसे संचालित हो रहे हैं, जिनमें लगभग 12.35 लाख छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं. इनमें से 9,979 मदरसे प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर (कक्षा 1 से 8) के हैं, जबकि 3,350 मदरसे माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तर (कक्षा 9 से 12) के हैं.
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राज्य सरकार से सहायता प्राप्त 561 मदरसों में लगभग 2.31 लाख छात्र पंजीकृत हैं. इन छात्रों को अब पारंपरिक विषयों के साथ-साथ आधुनिक विषयों में भी शिक्षा दी जाएगी, जिससे उन्हें आगे चलकर उच्च शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर अवसर मिल सकें. सरकार का यह कदम मदरसा शिक्षा को और अधिक व्यावहारिक और उपयोगी बनाने की दिशा में अहम माना जा रहा है. यह बदलाव छात्रों को न सिर्फ तकनीकी और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से मजबूत बनाएगा, बल्कि उन्हें भविष्य में इंजीनियरिंग, मेडिकल और अन्य पेशेवर क्षेत्रों में भी आगे बढ़ने का मौका देगा.