रायपुर के मेडिशाइन हॉस्पिटल मामले को लेकर IMA और ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर की प्रतिक्रिया आई सामने…..

0
49

रायपुर: रायपुर में मेडिशाइन हॉस्पिटल में लापरवाही पूर्ण ऑपरेशन के दौरान मरीज की स्थाई अपंगता के मामले को लेकर सम्बंधित डॉक्टर और IMA की प्रतिक्रिया सामने आई है। उपभोक्ता फोरम कोर्ट के हॉस्पिटल के खिलाफ 5 लाख के जुर्माने के फैसले को लेकर IMA ने सरकारी मशीनरी के कामकाज को लेकर जहाँ आपत्ति जताई है, वही मरीज का ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर ने जिला उपभोक्ता फोरम के फैसले को राज्य उपभोक्ता फोरम अपीलीय न्यायालय में चुनौती देने की मंशा जाहिर की है। गौरतलब है कि जिला उपभोक्ता फोरम ने एक प्रकरण की सुनवाई के बाद मरीज को राहत देते हुए मेडिशाइन हॉस्पिटल को सेवा में खोट में दोषी करार देते हुए भारी भरकम 5 लाख का जुर्माना ठोका है।

इस फैसले पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए डॉक्टर सुशील शर्मा ने दावा किया कि मरीज के तमाम दावे झूठे है, उनके मुताबिक ऑपरेशन की कामयाबी के बाद स्वस्थ अवस्था में मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया था। न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ से चर्चा करते हुए डॉ. सुशील शर्मा ने कहा कि मरीज के बेबुनियाद आरोपों के चलते फोरम ने एकतरफ़ा कार्यवाही की है, इसे अपीलीय कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। उन्होंने बताया कि अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद मरीज गैर-जरुरी डॉक्टरों के चक्कर में पड़ कर अन्य किसी चिकित्सक से इलाज कराने लगा था। जबकि उनके द्वारा मरीज का बेहतर ऑपरेशन किया गया था।

उन्होंने इस तथ्य से इंकार किया कि मरीज की कोहनी में कोई अनावश्यक तार छोड़ा गया था। उनके मुताबिक किसी भी तरह का तार मरीज की कोहनी में नहीं था। ऑपरेशन के दौरान मरीज का बखूबी ध्यान रखा गया था। सुर्ख़ियों में आये डॉक्टर ने यह भी साफ किया कि इस परिवाद को उनके द्वारा गंभीरता से नहीं लिया गया था। इसके चलते जिला उपभोक्ता फोरम से निराशा हाथ लगी, लेकिन अब वे अपना पक्ष अपील में प्रस्तुत करेंगे।

दरअसल, एक पीड़ित मरीज के परिवाद पर सुनवाई के उपरांत उपभोक्ता फोरम ने हालिया रायपुर के मेडिशाइन अस्पताल पर 5 लाख का जुर्माना लगाते हुए मरीज को यह रकम सौंपने का आदेश दिया है। जानकारी के मुताबिक इस अस्पताल में कंधे का ऑपरेशन कराने गए एक युवक ने ऑपरेशन के बाद उसके शरीर में मेडिकल वेस्ट के तर्ज पर किसी तार को छोड़ने के तथ्य पेश किये थे। परिवाद के अनुसार स्थानीय रायपुर निवासी वेदप्रकाश सिंह 16 मार्च 2014 को अपने घर में गिर गए थे। इससे उनके बायें हाथ की कोहनी टूट गई थी। उनका इलाज मेडिशाइन हॉस्पिटल में किया गया था। दस्तावेजों के मुताबिक इस अस्पताल में ऑपरेशन के लिए मरीज 24 से 26 मार्च तक भर्ती भी रहा।

आरोप लगाया गया कि डॉ सुशील शर्मा द्वारा मरीज की कोहनी का ज्वाइंट ऑपरेशन लापरवाही पूर्वक किया गया था। मरीज ने फोरम में दावा किया था कि ऑपरेशन में बरती गई लापरवाही के चलते वह अब जीवनभर के लिए विकलांग हो गया है। जिला उपभोक्ता फोरम ने लंबी सुनवाई के बाद बतौर क्षतिपूर्ति पीड़ित को 1 लाख रुपए के अलावा हॉस्पिटल को परिवादी के इलाज में खर्च हुए पैसे के साथ उसे 5 लाख रुपए हर्जाना देने का आदेश दिया है। उधर एक प्रतिक्रिया में IMA ने इस प्रकरण को लेकर सरकारी मशीनरी को भी कटघरे में ला खड़ा किया है।

IMA चैयरमेन डॉ. कुलदीप सोलंकी ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि मरीज ने डॉ. को अनावश्यक रूप से निशाना बनाया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 का यह प्रकरण करीब 11 सालों बाद इस रूप में सामने आया है। डॉ. सोलंकी ने न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ से चर्चा करते हुए कहा कि मरीज ने इस दौरान शासन-प्रशासन से भी गुहार लगाई थी, लेकिन जांच को लेकर इतने वर्षों तक सरकारी मशीनरी सोई रही। डॉ. सोलंकी ने यह भी साफ किया कि ईमानदारी के साथ सेवा कार्य करने के बावजूद कई डॉक्टर अनावश्यक रूप से मरीजों द्वारा प्रताड़ित किये जा रहे है। डॉक्टर सुशील शर्मा के समर्थन में आये IMA ने साफ किया कि क़ानूनी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जल्द ही अपीलीय न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष रखा जायेगा।