रायपुर/बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन सट्टा कारोबार पर शिकंजा कसने की मंशा जाहिर करते हुए राज्य सरकार ने सटोरियों के खिलाफ उठाये जा रहे सख्त क़दमों से अदालत को रूबरू कराया है। छत्तीसगढ़ में अब 3 बड़े सट्टा गेमिंग ऐप को बैन कर दिया गया है। राज्य सरकार की ओर से पेश एक हलफनामे में पुलिस मुख्यालय ने हाईकोर्ट बिलासपुर को अवैध सट्टा कारोबार का ब्यौरा सौंपा है। इसमें हवाला दिया गया है कि प्रदेश में सट्टा गेमिंग ऐप probo, sportsbaazi और tradexapp पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। हालांकि शपथ पत्र में महादेव सट्टा गेमिंग ऐप को बैन किये जाने का कोई जिक्र नहीं है।

यद्यपि पुलिस मुख्यालय द्वारा ऑनलाइन सट्टे की रोकथाम को लेकर उठाये जा रहे क़दमों से अदालत को रूबरू कराते हुए ज्यादातर चर्चित गेमिंग सट्टा ऐप में नामजद आरोपियों और उनके अपराधों का ब्यौरा भी दिया गया है। एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार द्वारा अदालत को ऑनलाइन सट्टा ऐप पर प्रतिबंध लगाए जाने की तमाम कवायतों से रूबरू कराया गया है। इसमें बताया गया है कि राज्य सरकार की ओर से केंद्र को समुचित जानकारी देते हुए टेलीकम्युनिकेशन विभाग के माध्यम से पत्राचार कर इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर से आपत्तिजनक सट्टा गेमिंग ऐप को प्रदेश में ब्लॉक करने के निर्देश दिए गए है।

राज्य सरकार की ओर से अदालत में उपस्थित महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत श्रीवास्तव ने बताया कि probo, sportsbaazi और tradexapp सट्टा गेमिंग कंपनियां प्रदेश में छत्तीसगढ़ गैंबलिंग प्रोहिबिशन एक्ट की धारा 07 और 08 का उल्लंघन कर रही है। उन्होंने इन गेमिंग ऐप पर प्रतिबंध लगाए जाने की जानकारी अदालत को दी। उन्होंने प्रदेश भर में सट्टा कारोबारियों और उनकी धड़ पकड़ का हवाला देते हुए अपराधों की रोकथाम का ब्यौरा पेश किया। छत्तीसगढ़ में क़ानूनी प्रावधानों के बावजूद खुलेआम ऑनलाइन सट्टा कारोबार की मजबूत जड़ों पर वैधानिक कार्यवाही को लेकर वरिष्ठ पत्रकार सुनील नामदेव ने एक जनहित याचिका दायर की थी। इस पर मंगलवार को सुनवाई हुई।

पुलिस मुख्यालय छत्तीसगढ़ शासन, केंद्र और राज्य सरकार की ओर से ऑनलाइन सट्टा कारोबार पर प्रतिबंध लगाए जाने को लेकर सरकार की ओर से दलीले पेश की गई। इन दलीलों से अदालत भी संतुष्ट नजर आई। हालांकि मामले की अगली सुनवाई जुलाई माह में होगी। जनहित याचिका के पहलुओं से अवगत कराते हुए याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अमृतो दास एवं अधिवक्ता वैभव तिवारी ने अपने तथ्य पेश किये। उन्होंने बताया कि याचिकाकर्ता ने जिन ऑनलाइन सट्टा गेमिंग ऐक्ट पर कार्यवाही के लिए अदालत का ध्यान आकृष्ट किया था, उनकी रोकथाम की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

गैरकानूनी कृत्य का संक्षिप्त सारांश देते हुए कानून के जानकारों ने बताया कि वरिष्ठ पत्रकार सुनील नामदेव ने 03/03/2025 को प्रोबो, ट्रेडएक्स और स्पोर्ट्स बाजी जैसे प्लेटफार्मों द्वारा कथित ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ गतिविधियों के बारे में एसएसपी रायपुर और पुलिस मुख्यालय में शिकायत की थी। एसएसपी रायपुर से प्राप्त रिपोर्ट में साफ किया गया कि ये प्लेटफॉर्म छत्तीसगढ़ जुआ (निषेध) अधिनियम, 2022 की धारा 07 और 08 का उल्लंघन करते हुए ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए को बढ़ावा दे रहे हैं।

अदालत में पेश हलफनामे में कहा गया है कि उपरोक्त वेबसाइटों के अलावा, पहले के अवसरों पर, 03/04/2025, 04/04/2025, 09/04/2025 और 22/04/2025 को पुलिस मुख्यालय, छत्तीसगढ़ ने सभी इंटरनेट और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) को कुल 154 यूआरएल / वेबसाइटों को ब्लॉक करने के लिए भारत सरकार के टेलीकम्युनिकेशन विभाग को पत्र लिखा है। ताकि ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए के माध्यम से अवैध धन की निकासी पर अंकुश लगाया जा सके। जुआ और ऑनलाइन जुआ की सामाजिक बुराई को प्रभावी तरीके से रोका जा सके और छत्तीसगढ़ राज्य में सुविधाओं पर परिणामी वित्तीय संकट को रोका जा सके। दिनांक 03/04/2025, 04/04/2025, 09/04/2025 और 22/04/2025 के पत्रों की प्रतियां अनुलग्नक ए/2 के रूप में यहां दायर की गई थी।

हलफनामे में बताया गया है कि ऑनलाइन जुआ/सट्टा के 444 मामलों के अलावा, मार्च और अप्रैल, 2025 तक, ऑनलाइन जुआ/सट्टा के 61 और मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें 141 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है और कुल 49,98,270/- रुपये की राशि जब्त की गई है। राज्य के विभिन्न जिलों में अधिनियम, 2022 के तहत पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के विवरण की प्रति अनुलग्नक ए/3 के रूप में दायर की जा रही है।

शपथ पत्र में राज्य सरकार की ओर से अभिसाक्षी ने सम्मानपूर्वक कथन करते हुए स्पष्ट किया है कि ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए के माध्यम से अवैध धन निकालने की प्रवृत्ति को रोकने के लिए, पुलिस द्वारा ऐसे अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ लगातार हर संभव कार्रवाई की जा रही है, ताकि अधिनियम, 2022 के निर्माण के पीछे का उद्देश्य और उद्देश्य प्राप्त किया जा सके।

यह भी सम्मानपूर्वक तथ्य प्रस्तुत किया गया है कि अभिसाक्षी एक कानून है, एक ईमानदार नागरिक का यह कर्तव्य है कि वह माननीय न्यायालय के आदेशों का पालन करे। फ़िलहाल, ऑनलाइन गेमिंग ऐप पर बैन लगाए जाने की क़वायतों के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के स्वामित्व वाला कारोबार महादेव सट्टा गेमिंग ऐप अभी भी सुर्ख़ियों में बना हुआ है।
