विशाखापत्तनम में हादसा: भारी बारिश से मिट्टी धंसी, चंदनोत्सवम के टिकट के लिए कतार में खड़े लोगों पर गिरी दीवार

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विशाखापत्तनम: आंध्र प्रदेश में बुधवार सुबह बड़ा हादसा हो गया। यहां विशाखापत्तनम के पास सिंहाचलम में वराह लक्ष्मी नरसिम्हा मंदिर के नजदीक एक दीवार गिरने से सात लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। दरअसल, इलाके में भारी बारिाश हुई थी। इस वजह से यह दीवार काफी गीली थी। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्राबाबू नायडू ने घटना पर दुख जताया है और इलाके के कलेटर-एसपी से बात कर पीड़ितों की हरसंभव मदद करने के निर्देश दिए हैं। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने भी हादसे पर शोक व्यक्त किया है।

राज्य की गृह मंत्री वी अनिता ने कहा कि प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि मंदिर की दीवार गिरने की वजह इलाके में भारी बारिश के कारण मिट्टी का धंसना हो सकता है। दीवार सिंहगिरी बस स्टैंड से घाट रोड पर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के पास 300 रुपये के टिकट की कतार में गिरी। बताया कि रात भर हुई भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण मिट्टी ढीली हो गई, जिससे दीवार गिर गई।

टेलीकांफ्रेंस के माध्यम से स्थिति की समीक्षा करने के दौरान मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये और घायलों को 3-3 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। इसके अलावा प्रत्येक पीड़ित के परिवार के एक सदस्य को बंदोबस्ती विभाग के तहत मंदिरों में आउटसोर्सिंग की नौकरी प्रदान की जाएगी। उन्होंने तीन सदस्यीय समिति द्वारा घटना की जांच के भी आदेश दिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में एक दीवार गिरने से हुई जानमाल की हानि से बहुत दुखी हूं। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति संवेदना। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’ पीएम मोदी ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को पीएमएनआरएफ से 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की।

बताया गया कि बुधवार की सुबह सिह्माचलम में श्री वराह लक्ष्मी नरसिंह स्वामी मंदिर में बारिश से भीगी दीवार गिरने से सात लोगों की मौत हो गई। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने गहरा दुख व्यक्त किया और ‘एक्स’ पर लिखा, ‘सिह्माचलम में सात श्रद्धालुओं की मौत से बहुत दुखी हूं। परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं। मैं स्थिति पर करीब से नजर रख रहा हूं और पीड़ितों के लिए निरंतर समीक्षा और सहायता का आदेश दिया है।’

राज्य की गृह मंत्री वी अनिता घटना के दौरान मंदिर में ही मौजूद थीं। उन्होंने तत्काल ही घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने कहा, ‘हम सभी बारिश में भीग गए थे। जैसे ही मैं मंदिर से बाहर आई, मुझे घटना की जानकारी दी गई। घायलों को अस्पताल ले जाया गया।’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बचाव कार्य में कोई लापरवाही नहीं हुई।

धर्मस्व मंत्री रामनारायण रेड्डी ने इस त्रासदी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल का एलान किया। मंदिर के एक अधिकारी ने कहा कि हादसे का कारण बारिश के कारण मिट्टी का धंसना या दीवार को कमजोर पड़ जाना हो सकता है। हालांकि, विस्तृत जांच चल रही है।

हादसे के बाद बचाव अभियान चल रहा है। इसमें राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य अधिकारियों की टीमें शामिल हैं। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) कर्मियों के मुताबिक, आठ श्रद्धालु मलबे में फंसे हुए थे। बचाव अभियान के दौरान सात शव निकाले गए, इसमें तीन महिलाएं और चार पुरुष शामिल हैं।

पूर्व सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने दुख व्यक्त किया। उन्होंने घायलों को सबसे अच्छी चिकित्सा सहायता और पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा देने का आग्रह किया। अधिकारियों ने कहा कि घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस साल की शुरुआत में तिरुमाला पहाड़ियों पर भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में वैकुंठ द्वार दर्शन के लिए टोकन लेने का इंतजार कर रहे छह श्रद्धालु तिरुपति में भगदड़ में मारे गए थे।