“बैंकॉक एयरपोर्ट” पर “समुद्र मंथन” का नजारा | 

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कहते है “कलाकार और कलाकृति” को किसी “धर्म या समुदाय” के बंधन में नहीं “बाँधा” जा सकता | यदि “समुद्र मंथन” की यह “कलाकृति “भारत में किसी सार्वजनिक स्थल पर स्थापित होती तो विपक्षी दलों समेत तमाम कॉमरेड सारा देश “आसमान” पर उठा लेते | देखे, बैंकॉक एयरपोर्ट पर “समुद्र मंथन” |  

https://youtu.be/IBG6tziVSTk