2200 करोड़ के शराब घोटाले का हिसाब-किताब उगलने के बाद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की हालत पस्त, बयान बदलने का दबाव, सचिन पायलट-लखमा मेल मुलाकात गवाहों पर दबाव डालने की राजनीति का हिस्सा ? बवाल….

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दिल्ली/रायपुर: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की राजनीति में बवाल मचा है। आबकारी घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री और उनके संगी-साथियों का जेल में तांता लगा हुआ है। एजेंसियों ने करीब 70 लोगों पर 2200 करोड़ के शराब घोटाले का आरोप मढ़ते हुए FIR दर्ज की है। ईओडब्ल्यू आज और कल, अर्थात 19 और 20 मार्च को इस संबंध में पूर्व आबकारी मंत्री और कोटा विधायक कवासी लखमा से रायपुर सेंट्रल जेल में पूछताछ करेगी। माना जा रहा है कि EOW की टीम हालिया विवेचना में शामिल नए तथ्यों को लेकर पूछताछ कर सकती है।

सूत्र तस्दीक करते है कि कवासी लखमा इन नए तथ्यों को लेकर अपना बयान दर्ज करा सकते है। इसकी तस्दीक होते ही कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी सचिन पायलट ने अचानक रायपुर का रुख कर लिया है। बताया जा रहा है कि रायपुर एयरपोर्ट से उनका काफिला सीधे सेंट्रल जेल रवाना होगा। यहाँ वे पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा से मेल-मुलाकात करेंगे। यह भी बताया जा रहा है कि वरिष्ठ नेता सचिन पायलट आलाकमान का संदेशा लेकर आ रहे है, वे कवासी लखमा का ‘कान भी फूंकेंगे’। पायलट-लखमा की प्रस्तावित इस महत्वपूर्ण मुलाकात के मायने कांग्रेसी खेमे में ही तलाशे जा रहे है।

कहा जा रहा है कि शराब घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री बघेल की असलियत जाहिर कर एजेंसियों को बयान दर्ज कराने के बाद कवासी लखमा का वक़्त लगातार दबाव में गुजर रहा है, उनका महत्वपूर्ण बयान पूर्व मुख्यमंत्री बघेल की गले की फ़ांस बन गया है। सूत्रों के मुताबिक कवासी लखमा और पूर्व आबकारी सचिव के अलावा एक अन्य आरोपी ने अपने बयानों में तस्दीक की है कि शराब घोटाले की असली नींव पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने रखी थी। उनकी सहमति और निर्देशों के पालन के चलते शराब घोटाला अंजाम दिया गया था। सूत्रों के मुताबिक इस बयान को बदलवाने के लिए लखमा पर दबाव डाला जा रहा है।

पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के खिलाफ दर्ज बयान से कांग्रेस की साख दांव पर लग गई है। सूत्र यह भी तस्दीक कर रहे है कि बयान बदलवाने की सूरत में लखमा को किसी बड़े पद का लालच भी दिया जा सकता है। इधर पायलट के प्रवास को लेकर जेल परिसर में गहमा-गहमी है। यहाँ रोजाना मेल-मुलाकात के लिए बंदियों के परिजनों का जमावड़ा लगता है, बा मुश्किल उनकी अपनों से मुलाकात हो पाती है। ऐसे में सचिन पायलट के यहाँ दस्तक देने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। कई परिजनों ने इस मेल-मुलाकात को लेकर आपत्ति जाहिर की है।

उनकी दलील है कि ED के प्रभावशील आरोपियों को रोजाना किसी ना किसी से मेल-मुलाकात कराई जाती है, कभी सामान्य तो कभी घंटों की जेलर मुलाकात से जेल मैनुअल की धज्जियाँ उड़ाई जा रही है। जबकि सामान्य बंदियों के परिजनों को महीने में एक दो बार ही मेल मुलाकात का मात्र 10 मिनट का समय दिया जाता है। यही नहीं ED के आरोपियों की सामग्री के जखीरों को बगैर किसी ठोस जांच-पड़ताल के भीतर भेज दिया जाता है। जबकि उनके छोटे-मोटे जरुरत के सामानों को भेजने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ता है।

राजनैतिक कार्यक्रम और अपराधों को लेकर बंदियों से होने वाली मेल मुलाकात पर कई पीड़ित परिजनों ने नाराजगी जाहिर की है। उनका दावा है कि पायलट-लखमा मुलाकात गवाहों पर दबाव डालने की राजनीति का हिस्सा है। बताया जा रहा है कि एजेंसियों में बयान दर्ज कराने के बाद लखमा तनाव में है। जेल के अंदर-बाहर से कई प्रभावशील आरोपी उन्हें बयान बदलवाने के लिए प्रेरित कर रहे है। जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी सचिन पायलट एक दिवसीय प्रवास पर आज रायपुर पहुँच रहे हैं। वे दोपहर को कांग्रेस भवन में पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक के पूर्व सेंट्रल जेल में कवासी लखमा से मुलाकात करेंगे।

सूत्र तस्दीक करते है कि शराब घोटाले में अब पूर्व मुख्यमंत्री बघेल पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है ? जानकार तस्दीक करते है कि लखमा के बयानों में शराब घोटाले की असलियत दर्ज है, बारी अब पूर्व मुख्यमंत्री के काले-कारनामों पर क़ानूनी मुहर की है। बताते है कि पूर्व मुख्यमंत्री ED-EOW के हत्थे चढ़ सकते है। इससे एक ओर जहाँ कांग्रेस की भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई कमजोर साबित होगी, वही इसका विपरीत असर पंजाब चुनाव पर पड़ेगा। कई नेताओं के मुताबिक पंजाब प्रभारी अब कांग्रेस पर ही भारी पड़ रहे है।

उनके गुनाहों की लंबी फेहरिस्त से बीजेपी को कांग्रेस पर हमला करने का लगातार मौका मिल रहा है। जानकारी के मुताबिक कवासी लखमा से पूछताछ के लिए ईओडब्ल्यू की टीम रायपुर सेंट्रल जेल परिसर पहुँच चुकी है। बताते है कि ईडी के विशेष न्यायाधीश की अदालत में मंगलवार को EOW ने 2200 करोड़ के शराब घोटाले में कवासी लखमा से पूछताछ के लिए अर्जी लगाई थी। फ़िलहाल, सेंट्रल जेल में राजनैतिक मेल-मुलाकात को लेकर गहमा-गहमी देखी जा रही है। यह देखना गौरतलब होगा कि पायलट-लखमा की मेल-मुलाकात जेल मैनुअल के दिशा-निर्देश के तहत कितनी खरी उतरती है ?