बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक बार फिर अपनी नजीर में कहा है कि आपसी सहमति से संबंध बनाए गए हों तो यह ‘यौन शोषण’ नहीं है, कोर्ट ने पीड़िता के बालिग होने एवं उसकी सहमति से संबंध बनाने के आधार पर अपील खारिज करते हुए निचली अदालत के निर्णय को यथावत रखा है। अभियोजन के अनुसार 26 अप्रैल 2023 को पीड़िता ने यौन शोषण की शिकायत पुलिस अधीक्षक बेमेतरा से की थी। इसमें कहा गया था कि उसकी फेसबुक के माध्यम से 5-6 वर्ष पूर्व आरोपी से पहचान हुई थी, इसके बाद दोस्ती हो गई, कुछ समय बाद दोनों में रिलेशनशिप हो गया।
याचिका में कहा गया कि आरोपी ने 2021 की एक रात 11.30 बजे फोन कर बुलाया एवं अपनी मोटरसाइकिल में एक दोस्त के घर ले गया। यहाँ आरोपी ने शादी करने की बात कहते हुए संबंध स्थापित किये थे। इसके बाद कई बार शारीरिक संबंध बनाए गए। इससे वह दो बार गर्भवती हुई थी। आरोपी ने उससे कहा कि शादी से पहले गर्भवती होने पर उसके माता-पिता स्वीकार नहीं करेंगे और दोनों बार दवा देकर उसका गर्भपात करा दिया। इसके बाद शादी करने के लिए कहने पर उसने 25 लाख रुपए की मांग की और फिर युवती से शादी से इनकार कर दिया।पुलिस ने शिकायत पर आरोपी के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर चालान पेश किया। बेमेतरा एफटीसी कोर्ट ने आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त किया।