वन विभाग में फॉरेस्ट गार्ड भर्ती घोटाले की गूंज विधानसभा में, उच्च स्तरीय जांच की मांग, इस विधायक ने ध्यानाकर्षण सूचना के तहत उठाया सवाल….  

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रायपुर: छत्तीसगढ़ वन एवं जलवायु विभाग में अनियमितता और घोटालों की गूंज अब विधानसभा में भी सुनाई देगी। इस मामले में विधायक श्रीमती चातुरी नंद ने ध्यानाकर्षण की सूचना विधानसभा सचिवालय को भेजी है। विधायक चातुरी नंद ने वन विभाग में 1628 वन रक्षकों एवं ड्राइवरों की भर्ती में छत्तीसगढ़ शासन के तय नियमों की अवहेलना कर घोटाला करने वाले अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग भी की है। सूत्रों के मुताबिक विधायक श्रीमती चातुरी नंद ने ध्यानाकर्षण सूचना के जरिये विधानसभा सचिवालय को अवगत कराया है कि प्रदेश में सीधी भर्ती के तहत वनरक्षक के 1484 पदों पर वन विभाग द्वारा मई 2024 में विज्ञप्ति निकाली गई थी।

उपरोक्त पदों पर 4 लाख 32 हजार आवेदकों ने फॉर्म भरे गये, जिसका फिजिकल टेस्ट सभी जिलों में 16 नवंबर से शुरू हुआ था। भर्ती प्रक्रिया में फिजिकल टेस्ट उपरांत लिखित परीक्षा आयोजित करनी थी। राज्य शासन द्वारा फिजिकल टेस्ट दिन में ही कराने और सभी अभ्यर्थियों को डिजिटल डिवाइस पहनकर लंबी कूद, गोला फेंक में भाग लेने का प्रावधान रखा गया था, परंतु दंतेवाड़ा, सरगुजा, कवर्धा समेत कई जिलों में वन विभाग के जिम्मेदारी अफसरों ने अपने करीबियों को उपकृत करने के उद्देश्य से नियमों को धता बताते हुए बगैर डिवाइस पहनाए ही टेस्ट मैनुअल कराए। 

उन्होंने ध्यानाकर्षण सूचना में यह भी कहा कि कई स्थानों पर रात के अंधेरे में ही फिजिकल टेस्ट ले लिया गया जो कि नियमों का खुला उल्लंघन है। वन विभाग द्वारा फिजिकल टेस्ट के लिए डिजिटल डिवाइस के साथ कराने का टेंडर माह नवंबर में हैदराबाद की कंपनी टाइमिंग टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को 224 रुपए प्रति उम्मीदवार के हिसाब से दिया गया था। 16 नवंबर को बीजापुर, दंतेवाड़ा और रायगढ़ में फिजिकल टेस्ट शुरू हुए तो कंपनी के कई डिवाइस काम नहीं कर रहे थे। ना तो कपनी को नोटिस जारी की गई और ना ही कोई कार्रवाई की गई, बल्कि कई जिलो में फिजिकल टेस्ट मैन्युअल होने के बावजूद कंपनी को 10 करोड़ रुपए से अधिक राशि का भुगतान कर दिया गया। 

जानकारी के मुताबिक ध्यानाकर्षण सूचना में विधायक चातुरी नंद ने सूचित किया कि वन विभाग के वरिष्ठ अफसरों ने शासन को बिना जानकारी दिए नियम कानूनों में बदलाव कर राज्य शासन को डिजिटल डिवाइस के नाम पर करोड़ों रुपयों की आर्थिक क्षति पहुंचाई वहीं दूसरी ओर नौकरी की आस लगाए गरीब बेरोजगार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का काम किया गया है। वनरक्षक भर्ती प्रक्रिया में ठेकेदार को उपकृत करने और अपने करीबियों को भर्ती प्रक्रिया में लाभ दिलाने के प्रयासों से वन विभाग के जिम्मेदार अफसरों और शासन प्रशासन के प्रति बेरोजगार युवाओं और आम जनता में भारी रोष और आक्रोश व्याप्त है। फ़िलहाल, सवाल-जवाब के दौर का इंतजार किया जा रहा है।