छत्तीसगढ़ में भ्रष्ट अधिकारियों की खैर नहीं, CM विष्णुदेव साय का एलान- बख्शे नहीं जाएंगे भ्रष्टाचारी, पक्ष-विपक्ष के विधायकों को रैफरी की तर्ज पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने भी दिया आमने-सामने का मौका… 

0
30

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में बजट सत्र का दूसरा दिन भ्रष्टाचार के खिलाफ साय सरकार के शंखनाद से शुरू हुआ है। दूसरे दिन सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भ्रष्टाचार और घोटालों के प्रकरणों में टिक गई। प्रश्नकाल के दौरान बिल्हा से भाजपा नेता और विधायक धरमलाल कौशिक ने राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के खिलाफ ACB-EOW और विभागीय जांच के संबंध में सवाल पूछा। उन्होंने सवाल किया कि भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ मामले दर्ज हो रहे हैं, इनके खिलाफ सरकार कब तक कार्रवाई करेंगी, इतना विलंब क्यों हुआ ? बीजेपी नेता के तेवरों से वाकिफ सरकार ने इस सवाल का समुचित उत्तर दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए जवाब देने के लिए खुद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कमान संभाली। उन्होंने सदन में कहा कि उनकी सरकार ने सुशासन और अभिसरण विभाग का गठन किया है।

मुख्यमंत्री साय ने ताल ठोक कर ऐलान किया कि दोषी अधिकारी बख्शे नहीं जाएंगे। उन्होंने पूछे गए सवाल का जवाब अपने ही अंदाज में दिया। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में कांग्रेसी विधायकों के चेहरे लटके नजर आये। दरअसल, भ्रष्टाचार के सवालों को छोड़ कर कांग्रेसी विधायक सत्ताधारी दल को घेरने की रणनीति में जैसे ही जुटते है, वैसे ही प्रदेश के विभिन्न घोटालों को लेकर सत्ताधारी दल के सवालों से उनके पैरों तले जमीन खिसक जाती है। प्रदेश की विधानसभा में इन दिनों ‘प्रश्नकाल’ बीजेपी सरकार की भविष्य की राजनीति और रणनीति का परिदृश्य दिखा रहा है। सरकार के नेक इरादे आम जनता के लिए राहत भरे दिखाई दे रहे है।

माना जा रहा है कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर पहले ही दिन से कांग्रेस बैकफुट पर है।विधानसभा की कार्यवाही के दौरान सदन में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह भी अपने ही रंग में दिखाई दे रहे है। उनका अंदाज ए बयां कई विधायकों के लिए ‘सीख’ साबित हो रहा है। आसंदी से वे मैच रैफरी के तौर पर कभी दुलार तो कभी फटकार लगाने में पीछे नहीं रहते। प्रश्नकाल में सवालों का जवाब देने के मामले में मंत्रियों की गंभीरता और समुचित जवाब को लेकर उनका रुख ‘कड़ाई’ से भरा दिखाई देता है। विधानसभा रिपोर्टिंग करने वाले जानकार-पत्रकार तस्दीक करते है कि डॉ. रमन सिंह की देख-रेख में विधानसभा की कार्यवाही सुचारु ढंग से जारी है। सत्ताधारी दल को घेरने में फिसड्डी साबित हो रहे विपक्षियों की जायज आवाज को सहारा देने के मामले में भी डॉ. रमन सिंह का सकारात्मक रुख न्याय के मंदिर के प्रति लोगों में आस्था बढ़ा रहा है। 

छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र कम समय में अधिकतम कार्यवाही की दिशा में नया इतिहास गढ़ रहा है। यहाँ रोजाना प्रदेश के कई इलाकों से पहुंचे लोग सदन की कार्यवाही से रूबरू हो रहे है। कभी अध्यक्षीय दीर्घा से तो कभी आम दीर्घा से शाबाशी भरे शब्द गूंज रहे है। बेहतर सवाल-जवाब के दौर को देखते ही ताली ठोकने में दीर्घा सक्रिय है। सदन में प्रदेश के कर्णधार विधायकों को इलाके की समस्याओं को लेकर करीब से सवाल-जवाब करते देखने की संतुष्टि उनके चेहरों पर नजर आ रही है। नए-नए मुद्दों पर नोक-झोंक करते विधायक उन्हें लोकतंत्र की जड़ों का सुखद अहसास करा रहे है। विधानसभा का बजट सत्र इन दिनों पक्ष-विपक्ष के तीखे तेवरों के साथ सवालों और जवाब की गर्माहट से सराबोर है।