प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों की स्थिति अब भी भयावह, AC कोच में ठूंस-ठूंसकर भरे यात्री

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Maha Kumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ स्नान के लिए 40 दिन बाद भी श्रद्धालुओं का हुजूम देखने को मिला. बक्सर रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार देर शाम से रात तक ट्रेनों में चढ़ने के लिए श्रद्धालुओं के बीच अफरा-तफरी मची रही. यहां तक कि एसी बोगियों में भी सामान्य कोच जैसा हाल दिखाई दिया. बोगियों में लोग ठूंस-ठूंसकर भरे थे. भीड़ का आलम यह था कि ट्रेन के शौचालय में भी लोग खड़े दिखाई दिए. बोगियों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही. हालांकि रेल प्रशासन भी अलर्ट मोड पर रहा. स्टेशन पर बिना टिकट वाले यात्रियों को पकड़ा गया.

प्रयागराज जाने वाली ट्रेन में पहले से हजारों यात्री भरे हुए थे. बक्सर स्टेशन पर इतने ही ट्रेन में चढ़ने के लिए संघर्ष करते रहे. यात्री धक्का-मुक्की कर ट्रेन में चढ़ने की कोशिश कर रहे थे. बातचीत करने के दौरान बाथरूम में यात्रा कर रही नीतू देवी ने बताया कि भीड़ के वजह से हम लोग बाथरूम में यात्रा करने को मजबूर हैं. वहीं, रिजर्वेशन कराकर प्रयागराज जाने वाले यात्री ने कहा कि रिजर्वेशन होने के बावजूद भी हम लोग काफी मुश्किलों भरी स्थिति में यात्रा कर रहे हैं. साहिबगंज से यात्रा कर रही महिला श्रद्धालु ने बताया हम 10-15 लोग साथ में हैं, काफी मुश्किलों से हम लोग यात्रा कर रहे हैं, हमें प्रयागराज जाना है.

वही आरपीएफ सब इंस्पेक्टर विजेंद्र मुआल ने कहा कि हम लोग बार-बार समझा रहे हैं कि लोग AC बोगियों में ना चढ़े, जिनका रिजर्वेशन है वही लोग जाएं, मगर लोग मान नहीं रहे हैं. हमारी प्राथमिकता है कि सभी यात्रियों को सुरक्षित यात्रा कराए. वहीं कई श्रद्धालु यात्रियों ने बताया कि कई घंटे से हम लोग खड़े हैं परिवार के साथ प्रयागराज जाना है भीड़ को देखते हुए हम लोग नहीं जा पा रहे हैं. वहीं, दिल्ली की ओर यात्रा करने वाले एक यात्री अवधेश पांडे ने बताया कि रिजर्वेशन नहीं मिल रहा है मगर हमें जाना जरूरी है इसलिए जनरल टिकट लेकर लेकर हम किसी तरह जाएंगे. आम आदमी बहुत परेशान है. सरकार को इसके लिए व्यवस्था करनी चाहिए.

उमाशंकर पांडे नाम के यात्री भीड़ को देखते हुए एसी बोगी नीचे उतर आए. स्टेशन पर मौजूद स्थानीय कुली धीरेंद्र कुमार यादव ने बताया कि भीड़ बहुत अधिक होने के बाद भी हम लोगों की कमाई बहुत कम हो गई है. हम लोग यात्रियों को प्रयागराज जाने के लिए सहयोग करते हैं. रेलवे प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों के द्वारा यात्रियों की सुरक्षा को लेकर उठाए गए कदमों के बावजूद भी इस स्थिति में सुधार की कोई ठोस योजना नजर नहीं आ रही है. श्रद्धालुओं के बढ़ते दबाव के बीच गंभीर स्थिति अभी भी बरकरार है. जिसमें किसी भी अप्रिय घटना की आशंका अभी भी जताई जा सकती है.