छत्तीसगढ़ क्रेडा में पदोन्नति से वंचित और कई पीड़ित कर्मियों ने दी आत्महत्या की चेतावनी, सीईओ ने कहा- ‘कर लो’, इस आईएएस के खिलाफ पूर्व में दर्ज हो चुकी है कर्मियों को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने की FIR…

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रायपुर: छत्तीसगढ़ कैडर के वर्ष 2008 बैच के आईएएस राजेश राणा एक बार फिर सुर्ख़ियों में है। इन दिनों वे प्रदेश के ‘क्रेडा’ (Chhattisgarh State Renewable Energy Development Agency) में बतौर सीईओ पदस्थ है। राजेश राणा के करीबी नाते-रिश्तेदार योग गुरु बाबा रामदेव के चिर-परिचित बताये जाते है। हाल ही के रायपुर दौरे में बाबा रामदेव ने एक आलीशान कॉलोनी में राजेश राणा के ठिकाने में मौजूदगी दर्ज करा कर अपनी कृपा बरसाई थी। लेकिन इस अधिकारी की कार्यप्रणाली अब राज्य के सुशासन के दावों पर भारी पड़ती नजर आ रही है। क्रेडा पर करोड़ों के भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप है।

इसकी अभी जांच भी शुरू नहीं हुई है कि विभागीय तौर पर पीड़ा झेल रहे कर्मियों के एक धड़े ने राणा पर सीधे तौर पर भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लगाते हुए आत्महत्या की चेतावनी दी है। इसके पूर्व रायपुर के कलेक्टर कार्यलय के समक्ष ऐसे ही प्रकरण में एक कर्मचारी ने फांसी लगा ली थी। अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि ऐसे ही हालात क्रेडा में बन गए है। यहाँ कभी भी अप्रिय स्थिति निर्मित हो सकती है। मामला विभागीय कर्मियों की पदोन्नति से जुड़ा है। इसे लेकर विवाद इतना गहरा गया है कि पीड़ित कई कर्मियों ने आत्महत्या की चेतावनी लिखित में जाहिर कर सीईओ पर कई गंभीर आरोप लगाए है।

पीड़ित कर्मियों के मुताबिक विभागीय पदोन्नति के बाद उनके आदेश कई महीनों से जारी नहीं किये गए है। क्रेडा में उन्ही कर्मियों का पदोन्नति आदेश जारी किया जा रहा है, जो सीईओ द्वारा मांगी गई भेट की चढ़ोत्तरी करने में सक्षम है। उनका आरोप है कि कर्मियों का चेहरा और रकम देख कर गिने-चुने पदोन्नति आर्डर जारी किये गए है। कई प्रकरणों में तो पदोन्नति बैठक पूर्व ही मोटी रकम वसूल ली गई थी।

पीड़ित कर्मचारियों में अनुसूचित जाति वर्ग के कई कर्मियों ने मुँह मांगी रकम देने से इंकार करते हुए मामले की शिकायत राज्य अनुसूचित जाति आयोग से की है। पीड़ित कर्मियों ने इसकी तस्दीक करते हुए बताया कि महीनों पूर्व पदोन्नति कमेटी की बैठक संपन्न हो चुकी है। बावजूद इसके बगैर लिए-दिए पदोन्नति आदेश जारी करने पर सीईओ द्वारा कई रोड़े अटकाए जा रहे है। उनके मुताबिक क्रेडा में भ्रष्टाचार चरम पर है। हालत यह है कि अब उगाही विभागीय कर्मियों से भी होने लगी है। पीड़ितों ने यह भी बताया कि सीईओ ने दो टूक साफ कर दिया है कि भले ही आत्महत्या कर लो, बगैर लेन-देन के आदेश जारी नहीं होगा।

छत्तीसगढ़ क्रेडा में लगभग सालभर से कभी सौर ऊर्जा उपकरणों की खरीदी तो कभी टेंडर-निविदा को लेकर विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है। यहाँ नए कारोबारियों के रजिस्टेशन को लेकर भी लेनदेन की कई शिकायते सामने आई है। ऐसे सभी प्रकरणों में सीईओ राजेश राणा की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में बताई जाती है। यह भी बताया जाता है कि पूर्व पदस्थापना स्थल रायगढ़ में तैनाती के दौरान राजेश राणा के खिलाफ एक विभागीय कर्मी की आत्महत्या को लेकर FIR दर्ज हो चुकी है। जानकारी के मुताबिक ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के कार्यपालन अभियंता (ईई) आरपी सोनी की आत्महत्या मामले में राजेश राणा समेत 4 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।

उनमे राजेश राणा सहित जिला पंचायत नारायणपुर में पदस्थ तत्कालीन तकनीकी सहायक एमएल नाग एवं ठेकेदार गौतमचंद जैन, मुकेश जैन के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का प्रकरण दर्ज किया था। मालूम हो कि आत्महत्या करने से पहले 16 अगस्त 2012 की दोपहर ईई सोनी के द्वारा अपने बंगले में एक सोसाईड नोट छोड़ा गया था, जिसमें तत्कालीन जिला पंचायत सीईओं राजेश राणा के द्वारा साढ़े तीन लाख रूपए का अवैध भुगतान ठेकेदार गौतम जैन को करवाने बार-बार दबाव बनाए जाने का जिक्र करते आत्महत्या के लिए कदम उठाने की बात कही थी। फ़िलहाल, एक बार फिर इस आईएएस की कार्यप्रणाली से क्रेडा में विभागीय गतिरोध कायम देखा जा रहा है। पीड़ितों ने किसी भी अप्रिय घटना के लिए सीईओ को जिम्मेदार ठहराया है। उधर न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ ने सीईओ से संपर्क किया। लेकिन उनका मोबाइल स्विच ऑफ पाया गया।