छत्तीसगढ़ में बीजेपी की साख का सवाल बनी नगर पालिका पंडरिया, मतदान की पूर्व रात्रि विधायक भावना बोहरा और चुनाव प्रभारी गौरी शंकर ने डाली खुद की जान जोखिम में, अब अच्छे नतीजे का इंतज़ार…

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पंडरिया/कवर्धा: छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव की मतगणना 15 फरवरी को होगी। इस बीच सत्ताधारी बीजेपी और कांग्रेस के बीच जीत को लेकर दावे-प्रतिदावे भी जोरो पर है। राज्य में कवर्धा और पंडरिया दोनों इलाकों की नगर पालिकाओं में मतदान को लेकर जमकर मारामारी नजर आई। इस चुनाव में पंडरिया में सबसे ज्यादा आक्रामकता और हिंसा का दौर देखा गया।

बताते है कि हिंदुत्व की पाठशाला बन चुके, इन दोनों ही नगर पालिका क्षेत्रों में बीजेपी और कांग्रेस के बीच के मौकों पर तीखी झड़पे देखी गई। पंडरिया में कांग्रेस से राजिन गायकवाड़ और बीजेपी से मंजुला कुर्रे के भाग्य का फैसला EVM में दर्ज हो चूका है। पंडरिया नगर पालिका में 69.70 फीसदी मतदान ने बीजेपी का उत्साह बढ़ा दिया है।

चुनाव पश्चात् रायपुर लौटे गौरी शंकर श्रीवास ने दोनों ही नगर पालिका में बीजेपी की जीत का दावा किया है। उन्होंने बताया कि बतौर चुनाव प्रभारी उन्होंने विधायक भावना बोहरा के साथ प्रत्येक मतदाताओं से सीधा संपर्क किया। नतीजतन कई इलाकों में उनकी मौजूदगी रोकने के लिए कांग्रेसी प्रत्याशियों ने हमलावर रुख अपना लिया था। हालांकि परिस्थितियों के अनुकूल लोहा लेते हुए उन्होंने बीजेपी के पक्ष में प्रचार-प्रसार करने में कोई कसर बाकि नहीं छोड़ी।

उन्होंने विधायक भावना बोहरा के साहस और परिश्रम की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने बगैर किसी की परवाह किये उन इलाकों में अपने कदम रखे, जहाँ उन पर हमला होने की पूरी आशंका थी। उनके मुताबिक वार्ड नंबर 16 के भाजपा प्रत्याशी नरोत्तम साहू के घर घुसकर कांग्रेसी गुंडों ने प्रत्यासी का सर फोड़ा तथा उनके पत्नी और माँ के साथ मारपीट की थी। इस दौरान मौके पर पहुंच कर उन्होंने हालात का सामना किया और उपद्रवियों को खदेड़ा।

उन्होंने बताया कि स्थानीय कांग्रेसी आनंद सिंग के कई साथी इनमे गुंडे-बदमाश भी शामिल थे। वे हथियारों से लैस होकर रात भर इलाकों में बीजेपी के स्थानीय नेताओं को डराते-धमकाते। ऐसी परिस्थिति में भी विधायक भावना बोहरा पीछे नहीं हटी। उन्होंने उनके साथ मोर्चा संभाला। 10 फ़रवरी की रात आनंद सिंह और धीरज सिंह के साथ बतौर चुनाव प्रभारी उनकी तीखी झड़प हुई। उन्होंने थाना पंडरिया मामले की शिकायत भी की थी।

ग्राम रौहा में वार्ड नंबर 7 भाजपा महिला प्रत्याशी के साथ अभ्रदता के चलते उनके द्वारा उपद्रवियों की पंडरिया थाने में FIR दर्ज कराई गई। उन्होंने दावा किया कि तमाम मुश्किलों के बावजूद पालिका में अध्यक्ष पद पर पार्टी प्रत्याशी मंजुला कुर्रे की जीत सुनिश्चित है। छत्तीसगढ़ में 10 नगर निगमों, 49 नगर पालिका परिषदों और 114 नगर पंचायतों के लिए मतगणना 15 फरवरी को होगी। राज्य में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस के बीच ही सिमट गया है।