सौम्या अब जेल से निकलने वाली है, बेल या जेल ? सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई मंगलवार को….

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नई दिल्ली/रायपुर: छत्तीसगढ़ के 700 करोड़ के कोल खनन परिवहन घोटाले में मुख्य आरोपी सौम्या चौरसिया को जेल या बेल पर फैसला मंगलवार को आने के आसार है। उनकी जमानत को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 21 जनवरी को तय मानी जा रही है। आरोपी सौम्या के क़ानूनी सलाहकारों में से एक वरिष्ठ वकील का दावा है कि उनकी पुख्ता दलीलों के आगे अभियोजन के हौंसले पस्त है। मैडम को हर हाल में जमानत के लिए पूरी ताकत झोंक दी गई है, सुनवाई के दौरान पूरी तैयारी के साथ वरिष्ठ विधिक जानकार पैरवी करेंगे।

गौरतलब है कि EOW में दर्ज एक मात्र प्रकरण के चलते सौम्या की जेल से रिहाई अटकी हुई है, ED में दर्ज शेष मामलों को लेकर उन्हें जमानत का लाभ प्राप्त हो चूका है। इस मामले में जेल की हवा खा रहे अन्य आरोपियों को उम्मीद है कि सौम्या की रिहाई के बाद उनके भी जेल से बाहर निकलने का रास्ता साफ़ हो जायेगा। उधर आरोपी सौम्या की बेल पर सुनवाई को लेकर अभियोजन पक्ष की सक्रियता को लेकर अभी कोई जानकारी सामने नहीं आई है। बताया जाता है कि आरोपी सौम्या के खिलाफ कई और मामलों की शिकायत EOW और स्थानीय पुलिस से की गई थी। लेकिन भूपे राज में तत्कालीन प्रभावशील अधिकारियों द्वारा सौम्या के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के बजाय ऐसी कई शिकायतों को दरकिनार कर दिया गया था। 

नतीजतन उसके खिलाफ मौजूदा बीजेपी सरकार के कार्यकाल में एक मात्र प्रकरण EOW में ही दर्ज हो पाया था। प्रदेश के कई पीड़ितों के अलावा पत्रकारों ने भी सौम्या के खिलाफ FIR दर्ज कराने हेतु तत्कालीन अधिकारियों को शिकायती पत्र सौंपा था। लेकिन इसे भी रफा-दफा कर दिया था। मामला एक वरिष्ठ पत्रकार को गैर-क़ानूनी रूप से गिरफ्तार कर पुलिस हिरासत में लेकर सैनेटाइजर पिलाने से जुड़ा था। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक इस मामले में एमएलसी दर्ज कर मेडिकल रिपोर्ट कोर्ट को भी सौंपी गई थी। 

रायपुर के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक को मामले की जांच कर मेडिकल रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए थे। लेकिन तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री भूपे और सौम्या चौरसिया का बचाव करते हुए ना तो घटना की जांच की गई और ना ही कोई आधिकारिक जांच रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत की गई। पुलिस हिरासत में सैनेटाइज़ार पिलाने जैसे गंभीर आपराधिक प्रकरण को लेकर कई संघर्षरत पत्रकारों ने पूर्व मुख्यमंत्री बघेल की खासमखास तत्कालीन उपसचिव सौम्या चौरसिया के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही करने की मांग की है। एक शिकायत के मुताबिक पत्रकार को सौम्या के निर्देश पर पुलिस हिरासत में सैनेटाइजर पिलाने की वारदात अंजाम दी गई थी।