पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में लेडी डॉक्टर से दरिंदगी के दोषी संजय रॉय की सजा पर आज फैसला आएगा। ट्रेनी महिला डॉक्टर से रेप और मर्डर केस में सियालदह कोर्ट आज दोषी संजय रॉय को सजा सुनाएगी। कोर्ट ने 162 दिन बाद 18 जनवरी 2025 को मुख्य आरोपी संजय रॉय को दोषी करार दिया था। सियालदह कोर्ट ने मामले में संजय रॉय को भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा- 64, 66 और 103 के तहत दोषी ठहराया था।
सीबीआई ने गुनहगार को फांसी देने की मांग की है। संजय को कम से कम उम्रकैद और अधिकतम फांसी की सजा हो सकती है। सियालदह कोर्ट में सजा पर बहस के दौरान सीबीआई दोषी को फांसी दिलाने की कोशिश करेगी।
सजा के ऐलान से पहले 19 जनवरी को संजय की मां मालती ने कहा था- मेरी 3 बेटियां हैं, मैं उनका (पीड़ित के माता-पिता का) दर्द समझती हूं। उसे कड़ी सजा मिलनी चाहिए। अगर कोर्ट कहती है कि उसे फांसी पर लटका दो, मुझे कोई आपत्ति नहीं है। संजय की बड़ी बहन ने भी 18 जनवरी को कहा था कि ट्रायल कोर्ट के फैसले को किसी भी अदालत में चुनौती नहीं देंगे।
मुझे फंसाया गया- संजय रॉय का दावा
बता दें कि शनिवार, 18 जनवरी को फैसला सुनाए जाने के समय संजय रॉय ने कोर्ट में दावा किया था कि उसे फंसाया गया है। वहीं दूसरी ओर मृत लेडी डॉक्टर के माता-पिता ने न्याय देने के लिए अदालत का आभार जताया।
3 को आरोपी बनाया गया, 2 को जमानत
आरोपी संजय रॉय के अलावा मामले में मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को भी आरोपी बनाया गया, लेकिन CBI 90 दिन के अंदर घोष के खिलाफ चार्जशीट दायर नहीं कर पाई, जिस कारण सियालदह कोर्ट ने 13 दिसंबर को घोष को इस मामले में जमानत दे दी। इसके अलावा ताला थाने के पूर्व प्रभारी अभिजीत मंडल को भी चार्जशीट दायर न करने के कारण जमानत दी गई। इससे पहले CBI ने 25 अगस्त को सेंट्रल फोरेंसिक टीम की मदद से कोलकाता की प्रेसीडेंसी जेल में संजय का पॉलीग्राफ टेस्ट किया था। अधिकारियों ने करीब 3 घंटे उससे सवाल-जवाब किए। संजय के अलावा 9 लोगों का भी पॉलीग्राफ टेस्ट हुआ था। इनमें आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष, ASI अनूप दत्ता, 4 फेलो डॉक्टर, एक वॉलंटियर और 2 गार्ड्स शामिल थे।
जानें क्या है पूरा मामला
आरजी कर हॉस्पिटल में 8-9 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर का रेप-मर्डर हुआ था। 9 अगस्त की सुबह डॉक्टर की लाश सेमिनार हॉल में मिली थी। CCTV फुटेज के आधार पर पुलिस ने संजय रॉय नाम के सिविक वॉलंटियर को 10 अगस्त को अरेस्ट किया था। इस घटना के बाद कोलकाता समेत देशभर में प्रदर्शन हुए। बंगाल में 2 महीने से भी ज्यादा समय तक स्वास्थ्य सेवाएं ठप रही थीं।