गिरफ्तारी के भय से पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने दिल्ली में डाला डेरा, जनता को हकीकत से गुमराह कर केंद्र व राज्य सरकार पर साधा निशाना, कांग्रेस में बगावत के दौर के बीच ED धर-दबोचने की तैयारी में….    

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नई दिल्ली/रायपुर: छत्तीसगढ़ में राजनैतिक सरगर्मिया उफान पर है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल पर ED का शिकंजा कसते ही बघेल ने दिल्ली में डेरा डाल लिया है। यहाँ कई नेताओं से मेल-मुलाकात कर बघेल अपने बचाव में जोर-शोर से जुटे हुए है। हालांकि भ्रष्टाचार के मामलों की हकीकत के मद्देनजर कई बड़े नेताओं ने उनसे किनारा कर लिया है। इस बीच भूपे राज में अंजाम दिए गए काले कारनामों को लेकर पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व सांसद पीआर खूंटे ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। यह भी बताया जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री के क्रियाकलापों से खिन्न कई और जमीनी नेता बगावती तेवर दिखा सकते है। 

राजनीति के गलियारों से आ रही खबरों के मुताबिक हालिया  विधानसभा चुनाव में पराजय का दंश झेल रहे कई नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री पर ही हार का ठीकरा फोड़ा है। खूंटे की तर्ज पर वे भी पार्टी से किनारा करने की तैयारी में बताये जाते है। इधर राजनैतिक उठा-पटक से दूर ED अपनी कार्यवाही में जोर-शोर से जुटी नजर आ रही है। उसने रिमांड में लिए गए पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा से पूछताछ शुरू कर दी है। सूत्र बता रहे है कि लखमा के करीबी स्थानीय कांग्रेसी नेता सुशील ओझा को 20 जनवरी को तलब किया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री बघेल समेत आधा दर्जन आबकारी अधिकारियों के भी ED के हत्थे चढ़ने की अटकले जोरो पर है।

छत्तीसगढ़ में ED की धमक से राजनैतिक गलियारा गरमाया हुआ है। उसके रुख को देखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने दिल्ली में डेरा डालकर ED पर दबाव बनाने की पुरजोर कोशिशे शुरू कर दी है। यह भी बताया जा रहा है कि बघेल की शिकवा-शिकायतों के मद्देनजर हालात का जायजा लेने के लिए प्रदेश पार्टी प्रभारी सचिन पायलट एक-दो दिन में जल्द ही रायपुर में दस्तक दे सकते है।

पूर्व मुख्यमंत्री बघेल को लेकर प्रदेश के कई दिग्गज कांग्रेसी नेताओं के बगावती सुरों के मद्देनजर पायलट की उन नेताओं से मेल-मुलाकात के आसार है। सूत्रों द्वारा यह भी बताया जा रहा है कि पूर्व सांसद पीआर खूंटे की नाराजगी दूर करने के लिए आलाकमान ने पायलट को छत्तीसगढ़ के विशेष दौरे पर जाने के निर्देश दिए है। उससे पूर्व, बघेल को भी रायपुर लौटने का फरमान सुनाया गया है। ED के रुख को देखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री बघेल की रायपुर पुनर्वापसी कशमकश भरी बताई जाती है। सूत्रों के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री को अपनी गिरफ्तारी की चिंता सता रही है।    

दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने शराब घोटाले में उनकी खुद की सहभागिता को लेकर चुप्पी साधे रही, लेकिन ED, बीजेपी, आरएसएस, केंद्र और राज्य सरकार पर तीखे हमले जारी रखे। उन्होंने कई चौंकाने वाले आरोप लगाते हुए दावा किया कि प्रदेश में भ्रष्टाचार उजागर करोगे तो ईडी गिरफ्तार करेगी या फिर आप को मौत मिलेगी। बघेल ने कहा कि लखमा ने भ्रष्टाचार उजागर किया, इसलिए ईडी ने गिरफ्तार किया। उन्होंने आबकारी घोटाले में लखमा की गिरफ्तारी कों नया रंग देते हुए दावा किया कि कवासी लखमा ने पीडब्ल्यूडी विभाग के भ्रष्टाचार पर विधानसभा में सवाल पूछा था, इसलिए बदले की भावना में उन पर कार्रवाई की गई है। उनके बोल यही नहीं थमे, बघेल ने कहा, शराब घोटाले में ईडी ने 2021-22 में कार्रवाई शुरू की थी। तीन साल बाद कवासी लखमा की गिरफ्तारी हुई। कवासी लखमा ने विधानसभा में विष्णु देव सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर किया था।

उधर प्रदेश बीजेपी प्रभारी नितिन नवीन ने घोटालों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री बघेल को आईना दिखाने में देरी नहीं की। रायपुर में दस्तक देते ही नितिन नवीन ने बघेल को घोटाले का मास्टरमाइंड बताया। उन्होंने कहा कि एक आदिवासी नेता को मोहरा बनाकर फंसाने का कार्य पूर्व मुख्यमंत्री ने किया है। उन्होंने कहा, प्रथम दृष्टया तो यही प्रतीत हो रहा था कि अपराध तो पूर्व आबकारी मंत्री द्वारा किया गया, लेकिन मास्टरमाइंड तो अभी पीछे बैठा है। कानून इतना मजबूत है कि उस मास्टरमाइंड को भी पकड़ लेगा, मास्टरमाइंड कतई नहीं बचेगा। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट होता है कि आदिवासी के प्रति बघेल की सोच क्या है और बघेल किस सोच के लिए जाने जाते हैं? बघेल यह अच्छी तरह समझ लें कि शराब घोटाले में संलिप्त कोई भी आरोपी बिल्कुल नहीं बचेगा, चाहे वह कोई भी हो।     

इधर गुरुवार को रायपुर में भी शराब घोटाले को लेकर हलचल तेज रही। लखमा से ED की जारी पूछताछ के बीच दर्जनभर से ज्यादा अधिकारियों की गिरफ्तारी के अंदेशे से आबकारी विभाग में हड़कंप नजर आया। बताया जाता है कि अदालत में पेश कई दस्तावेजों के मद्देनजर ED ने साफ़ कर दिया है कि जिनके खिलाफ सबूत पाए गए है, उनकी भी गिरफ्तारी होगी। ED के इस रुख के बाद शराब ठेकेदारों से लेकर अधिकारियों में गहमा-गहमी है। कारोबारी अनवर ढेबर ने एक आवेदन कर कोर्ट से शराब ठेकेदारों की भी गिरफ्तारी की मांग की है। वही ED की ECIR में अधिकारियों समेत लगभग 70 कारोबारियों के खिलाफ काला-चिट्ठा अदालत के समक्ष रखा गया है। इनमे से कई के गिरफ्तारी के आसार जताये जा रहे है। इनमे पूर्व मुख्यमंत्री बघेल का नाम भी शुमार बताया जाता है। 

यह बताया जा रहा है कि कवासी लखमा की गिरफ्तारी से जुड़े बतौर साक्ष्य कई ऐसे दस्तावेज ED द्वारा अदालत में पेश किये गए है, जिसमे घोटाले के तार पूर्व मुख्यमंत्री बघेल से जुड़े नजर आ रहे है। सूत्र तस्दीक कर रहे है कि भ्रष्टाचार के लिए आबकारी नीति में बदलाव से जुड़े दस्तावेजों में लखमा के अलावा तत्कालीन मुख्यमंत्री बघेल के भी हस्ताक्षर दर्ज है। लखमा-बघेल की जोड़ी से घोटालों को अंजाम दिए जाने की लंबी फेहरिस्त ED के हाथ लगने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री से भी पूछताछ के आसार बताये जा रहे है। इधर दफ्तर में पूछताछ के बाद ED द्वारा गिरफ्तार करने की आशंका-कुशंका से ग्रसित पूर्व मुख्यमंत्री बघेल चिंतित बताये जाते है। हालांकि उनके करीबी तस्दीक कर रहे है कि बघेल को समझा-बुझा कर हिम्मत ना हारने की वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं ने सलाह दी है। अब यह देखना गौरतलब होगा कि लंबे अरसे से दिल्ली में डेरा डाले पूर्व मुख्यमंत्री की रायपुर पुनर्वापसी कब होती है।