पतंगबाजी करने वाले रखें ध्‍यान, बना हो सकती है जेल, जाने क्या है मामला….

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नई दिल्ली: आज मकर संक्रांति है. ऐसे में गुजरात सहित पंजाब, राजस्‍थान और उत्‍तर भारत के कई राज्‍यों में बच्‍चों से लेकर युवा और बुजुर्ग जमकर पतंगबाजी कर रहे हैं. मौज मस्‍ती के लिए पतंग उड़ाना तो ठीक है लेकिन कई बार यह मौजमस्‍ती दूसरों के लिए आफत बन जाती है. चाइनीज मांझे के इस्‍तेमाल के चलते सड़क पर कई लोगों की गर्दन कटने से मौत की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. इसके अलावा हवा में उड़ने वाले कबूतर, चिड़िया व कौवे भी कई पर मांझे की चपेट में आकर चोटिल हो जाते हैं. ऐसे में पुलिस की तरफ से मकर संक्रांति पर पतंगबाजी के दौरान चाइजनी मांझे का इस्‍तेमाल नहीं करने की सलह दी जाती है.

अगर आप भी चाइनीज मांझे से पतंग उड़ाने के शौकीन हैं, तो थोड़ संभल जाओ. गुजरात में इस वक्‍त पुलिस इसके खिलाफ जमकर एक्‍शन ले रही है. गुजरात हाई कोर्ट ने राज्‍य में मकर संक्रांति पर पतंगाजी के दौरान चाइनीज मांझे पर रोक से संबंधित एक जनहित याचिका पर पुलिस से जवाब मांगा था. इस पर गुजरात के गृह विभाग ने कहा कि 9 से 12 जनवरी के बीच राज्‍य पुलिस ने गुजरात में चाइनीज मांझे के 99 मैन्युफैक्चरर, इसे स्‍टॉक करने वाली 50 यूनिट और 404 दुकानदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की. इस दौरान कुल 23.75 लाख रुपये की कीमत का मांझा व उससे जुड़ी चीजें जब्‍त की गई हें. गुजरात में अब तक कुल 609 एफआईआर दर्ज की गई हैं और 612 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है.

कई स्‍थानों पर चाइनीज मांझे को कांच का मांझा भी कहा जाता है. यह इतना मजबूत होता है कि पतंग उड़ाते वक्‍त किसी दूसरे की पतंग को काटने में यह कारगर साबित होता है. पतंगबाजी के शौकीन लोग अक्‍सर यह कोशिश करते हैं कि उन्‍हें बाजार में कहीं ना कहीं से किसी भी तरह चाइनीज मांझा मिल जाए, ताकि वो हवा में उड़ रही बाकी पतंग को काट सकें. हालांकि उनकी यही हसरत अन्‍य लोगों के लिए मुश्किल का सबक बन जाती है.

अहमदाबाद के सेक्टर-1 के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त नीरज बडगुजर ने बताया कि शहर की पुलिस ने सेक्टर-1 के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों में नायलॉन पतंग के धागे से संबंधित 127 और कांच से ढके मांजे से संबंधित 15 मामले दर्ज किए हैं. इसी तर्ज पर अहमदाबाद सेक्टर 2 के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त जयपाल सिंह राठौर ने बताया कि सेक्टर-2 में नायलॉन धागे और कांच से ढके मांजे से संबंधित लगभग 110 मामले दर्ज किए गए हैं.