आज भी ED को पूर्व आबकारी मंत्री लखमा का इंतज़ार, शराब घोटाले मामले में ढेबर और टुटेजा को आमने-सामने बैठाकर भी हो सकती है पूछताछ, छुट्टी बीच में छोड़ कर लौटे ED के वकील, सवालों की लंबी फेहरिस्त….  

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दिल्ली/रायपुर: हाल ही में ED ने छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा समेत उनके करीबियों के निवास और अन्य ठिकानों पर छापा मारा था। इस सिलसिले में आज पूर्व मंत्री अपना बयान दर्ज करा सकते है। हालांकि समाचार लिखे जाने तक कवासी लखमा एवं अन्य संदेहियों ने ED दफ्तर में अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराई है।इन्हे 30 दिसंबर के बाद एक बार फिर आज पेश होने के लिए समन जारी किया गया था। बताया जा रहा है कि 2200 करोड़ के शराब घोटाले में आज पूर्व मंत्री कवासी लखमा और उनके पुत्र हरीश लखमा का बयान पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल के लिए मुसीबत भरा हो सकता है।

सूत्र तस्दीक कर रहे है कि लगभग आधा सैकड़ा सवालों और लेनदेन के पुख्ता प्रमाणों के साथ सभी संदेहियों से पूछताछ की जाएगी। ED ने जिन लोगों को तलब किया है, उसमे सुकमा नगर पालिका अध्यक्ष जगन्नाथ राजू, सुशील ओझा और ठेकेदार राजभुवन का भी नाम शामिल है। उधर यह भी बताया जा रहा है कि ED के क़ानूनी सलाहकारों की उपस्थिति भी सुनिश्चित कर दी गई है। सूत्रों के मुताबिक अभियोजन पक्ष के विशेष क़ानूनी सलाहकार और अतिरिक्त महाधिवक्ता सौरभ पांडेय ने छुट्टी छोड़ अचानक कार्यभार ग्रहण कर लिया है। यह भी बताया जा रहा है कि पूर्व मंत्री, कारोबारी अनवर ढेबर, रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा और तत्कालीन आबकारी सचिव ए.पी. त्रिपाठी को लखमा के साथ आमने-सामने बैठाकर भी पूछताछ से इंकार नहीं किया जा सकता।

इसके लिए अदालत से अनुमति प्राप्त करने को लेकर भी प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी की गई है। जानकारी के मुताबिक ED ने अपनी ECIR में प्रामाणिक तथ्यों के साथ शराब घोटाले का काला चिट्ठा भी संलग्न किया है। सूत्रों के मुताबिक शराब घोटाले और आबकारी विभाग एक संचालन में प्राइवेट पार्टी का सीधा हस्तक्षेप संबंधी स्पष्ट तथ्य पाए जाने के बाद लगभग आधा दर्जन वरिष्ठ आबकारी अधिकारियों को भी तलब किया जा सकता है। ED ने पूर्व मंत्री से पूछताछ के लिए सवालों की लंबी फेहरिस्त तैयार की है। इसमें पूर्व मंत्री के ‘मैं अनपढ़ हूँ’ जैसी सफाई से जुड़े तथ्यों पर भी सवाल पूछे जाने की संभावना जताई जा रही है।

गौरतलब है कि ED की छापेमारी के बाद पूर्व मंत्री ने खुद को बेगुनाह बताते हुए दावा किया था कि वे अनपढ़ है और आबकारी अधिकारी त्रिपाठी और उनका ओएसडी जहाँ कहते थे, वे हस्ताक्षर कर दिया करते थे। ED सूत्रों के मुताबिक एजेंसियों को इस तथ्य के प्रामाणिक दस्तावेज हाथ लगे है, जिससे साफ होता है कि पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के खास सहयोगी कारोबारी अनवर ढेबर और रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा मुख्यमंत्री को प्राप्त वैधानिक शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए शराब की खरीदी-बिक्री और निर्माण से जुड़ी नीतियों का संचालन कर रहे थे। जबकि इससे जुड़े लाभ में तत्कालीन आबकारी मंत्री को भी एक बड़ा हिस्सा प्राप्त होता था। 

प्रवर्तन निदेशालय ने छत्तीसगढ़ में अंजाम दिए गए शराब घोटाले में प्राप्त नए तथ्यों के आधार पर अपनी जांच का दायरा भी बढ़ा दिया है। सूत्रों के मुताबिक कवासी लखमा के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री बघेल से भी पूछताछ के आसार है। यह भी बताया जा रहा है कि प्रदेश में सबसे बड़ा राजस्व अर्जित करने वाले आबकारी महकमे की जिम्मेदारी एक अनपढ़ मंत्री को सौंपे जाने के मकसद को लेकर भी पूर्व मुख्यमंत्री से पूछताछ के आसार है। इस घोटाले में बघेल की संलिप्ता भी एजेंसियों को नजर आ रही है। फ़िलहाल, शराब घोटाले की जड़ों तक ED की घेराबंदी सुर्ख़ियों में है। यह देखना गौरतलब होगा कि आज पूर्व आबकारी मंत्री समेत अन्य संदेही ED के समक्ष अपनी उपस्थिति दर्ज कराते है या नहीं ?