जंग जीतने के करीब चेतना, बोरवेल में 30 फीट आई ऊपर, कोटपूतली में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी…

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कोटपुतलीः राजस्तान के कोटपुतली जिले में बोरवेल में फंसी मासूम को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी टीम को सफलता नहीं मिल पाई है. करीब 21 घंटे से मासूम फंसी हुई है. मौके पर एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. रेस्क्यू के दौरान मिट्टी जाने से उपकरण पहुंचाने में परेशानी हो रही है, जिसके लिए लोहे की रॉड की मदद ली जा रही है. रात भर से परिजन और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर मौजूद हैं. समय-समय पर बच्ची का मूवमेंट देखा जा रहा है.

चेतना को बोरवेल से बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन पिछले 21 घंटे से चल रहा है. हालांकि रेस्क्यू में जुटी एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को बड़ी सफलता मिली है. एल बैंड से बच्ची को बोरवेल में करीब 30 फीट ऊपर लाया गया है.

चेतना को बोरवेल से निकालने के लिए चलाए जा रहे एनडीआरएफ के रेस्क्यू आपरेशन के प्रभारी योगेश कुमार मीणा ने कहा कि बच्ची के नीचे अंब्रेला उपकरण फंसा कर डेढ़ फीट ऊपर ले लिया गया है. अब ऐल उपकरण को फिक्स किया जा रहा है. फिक्स होते ही कुछ ही वक्त में बच्ची को बाहर निकाल लिया जाएगा. फिलहाल दो घंटे से कोई मूवमेंट नहीं है. मिट्टी होने की वजह से कुछ परेशानी है. बोरवेल में फंसी मासूम की बुआ ने बात करते हुए बताया कि पूरे रात से परिवार चेतना का बाहर आने का इंतजार कर रहा है. हमें चेतना सुरक्षित बाहर चाहिए. परिवार ने खाना नहीं खाया. वो अपनी मां के बिना नहीं रहती.

चेतना के रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर कोटपूतली के एसडीएम ब्रजेश चौधरी ने कहा, ‘कोटपुतली के कीरतपुरा में बोरवेल में फंसीं चेतना के नीचे अंब्रेला लगा दिया और रिंग में बच्ची को फिक्स किया जा चुका है. अब धीरे-धीरे उपर खींचकर निकालने की कोशिश की जा रही है. जल्दी ही चेतना को बोरवेल से निकाला जा सकता है.’ बोरवेल में फंसी 3 वर्षीय चेतना को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. चेतना 700 फीट गहरे बोरवेल में 150 फीट पर फंसी हुई है. बच्ची को सुरक्षित निकालने के लिए SDRF के अधिकारी ने प्रशासन को पाईलिंग मशीन बुलाने का विकल्प दिया है. हालांकि स्थानीय संसाधनों की सहायता से रेस्क्यू अभियान जारी है.

रात के वक्त रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान कैमरे में टेक्निकल खराबी आ गई. फिर टीम ने दूसरा कैमरा गड्ढे में डालकर बालिका की मूवमेंट की जानकारी ली. सांसद राव राजेंद्र सिंह ने घटनास्थल पर पहुंचकर मासूम के परिजनों को ढांढस बंधाया. बता दें कि इससे पहले हाल ही में दौसा जिले में आर्यन नाम का बच्चा बोरवेल में गिर गया था, जिसके लिए करीब एक दिन तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया, लेकिन उसकी मौत हो गई. वहीं इस घटना के बाद मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने खुले बोरवेल को लेकर सख्त कानून लाने की बात कही थी.

बता दें कि यह घटना जिले के किरतपुरा के बडियाली की ढाणी गांव का है, जहां चेतना बोरवेल में फंसी हुई है. बताया जा रहा है कि बोरवेल से पाइप सुबह 11 बजे निकाला गया था, उसके बाद बच्ची उसमें गिर गई. कैमरे में केवल बच्ची की टोपी दिख रही है. सोमवार की दोपहर करीब 2 बजे चेतना खेलते हुए बोरवेल में जा गिरी. फिर जब बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दी गांव वालों ने पुलिस को सूचना दी. इसके बाद 2.15 पर सरुंड थाना पुलिस पहुंची और 3.30 बजे मेडिकल टीम मौके पर पहुंची. 3.45 पर बच्ची को ऑक्सीजन पहुंचाने का काम किया गया. 5.15 पर एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. फिर शाम को 6 बजे एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची.

रात को 8.45 पर देशी जुगाड़ से निकालने वाली टीम पहुंची. 9.30 रिंग और अंब्रेला से निकालने का रेस्क्यू ऑपरेसन शुरू हुआ. रेस्क्यू आपरेशन में एनडीआरफ के 25 और एसडीआरएफ के 15 जवान तैनात किए गए हैं. तीन थानों की पुलिस तैनात है. स्वास्थ्य विभाग की टीम तैनात पिडियाट्रिशियन और एनेथिशिया के डाक्टर मौके पर हैं. 20 आक्सीजन सिलेंडर रखें. हर घंटे एक सिलेंडर खत्म हो रहा है. बच्ची सीधे नहीं फंसीं होने की वजह से खाने पीने के लिए कुछ नही दे पा रहे हैं सिर्फ आक्सीजन दी जा रही है.