Rozgar Mela: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज, 23 दिसंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नवनियुक्त 71,000 से अधिक नियुक्ति पत्र वितरित किए। रोजगार मेला रोजगार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशा में एक कदम है। कार्यक्रम का आयोजन एक साथ देश के 45 अलग-अलग हिस्सों में किया जा रहा है। देश भर से चयनित ये नए कर्मचारी गृह मंत्रालय, डाक विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, वित्तीय सेवा विभाग सहित विभिन्न मंत्रालयों/विभागों में शामिल होंगे।
राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि 71 हजार नियुक्तियों में से 20,901 (29.21%) नियुक्तियां ओबीसी समाज में की जा रही हैं। 11,355 (15.8%) अनुसूचित जाति (SC) और 6,862 (9.59%) अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए की जा रही हैं। मंत्री ने आगे बताया कि पिछले 10 वर्षों में रोजगार देने के आंकड़ों में 2004 से 2014 की तुलना में 60 से 70 फीसदी की वृद्धि हुई। 2004 से 2014 तक 7 लाख 22 हजार 161 नियुक्तियां हुईं। वहीं, मोदी सरकार के पिछले 10 वर्षों के कार्यकाल में यह संख्या करीब 11 लाख तक पहुंचा।
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के दौरान स्पेस स्टार्टअप्स के लिए 1,000 करोड़ का वेंचर फंड निर्धारित किया है। इसी कार्यकाल के दौरान शुरू की गई पेड इंटर्नशिप योजना के तहत अभी तक 280 कंपनियों ने 1 लाख 25 हजार युवाओं को पंजीकृत किया है। देश में आज 1,56,210 स्टार्टअप्स हैं। अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि सरकार की सभी नीतियां बनाते समय युवाओं का विशेष ध्यान रखा जाता है। पिछले एक दशक की सभी योजनाएं (आत्मनिर्भर भारत अभियान, स्टार्टअप इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्टैंडअप इंडिया आदि। युवाओं को केंद्र में रखकर बनाई गई हैं।
सरकार ने अपने स्पेस सेक्टर में नीतियां बदलीं और डिफेंस सेक्टर में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दिया। इसका सबसे अधिक लाभ युवाओं को हुआ। पीएम मोदी ने कहा, “आज हम (भारत) दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन गया है।” पीएम मोदी ने अपने संबोधन में बताया कि भारत आज के समय में मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बन चुका है। नवीनीकरण ऊर्जा से लेकर, ऑर्गेनिक फार्मिंग तक, स्पेस से लेकर डिफेंस सेक्टर तक, टूरिज्म से लेकर वेलनेंस सेक्टर तक देश हर क्षेत्र में नई ऊंचाईयां छू रहा है। देश को आगे बढ़ाने के लिए युवा प्रतिभा को निखारने की जरूरत होती है।
पीएम ने कहा, “नए भारत के निर्माण के लिए देश दशकों से एक आधुनिक शिक्षा व्यवस्था की जरूरत महसूस कर रहा था। एनईपी के जरिए अब देश उस दिशा में आगे बढ़ चुका है। पहले पाबंदियों के कारण जो शिक्षा व्यवस्था छात्रों पर बोझ बन जाती थी, वो उन्हें अब नए विकल्प दे रही है।” पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि पहले पढ़ाई के दौरान ग्रामीण, दलित, पिछड़े और आदिवासी समाज के युवाओं के लिए भाषा एक बाधा बन जाती थी। सरकार ने मातृभाषा में पढ़ाई और परीक्षा की पॉलिसी बनाई। सरकार ने युवाओं को 13 भाषाओं में भर्ती परीक्षाएं देने का विकल्प उपलब्ध कराया है।