RBI ने इस बड़े बैंक पर लगाई 27 लाख की पेनाल्‍टी, ग्राहकों पर क्‍या होगा असर?

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नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंड‍िया (RBI) की तरफ से न‍ियमों का अनुपालन नहीं करने को लेकर बैंकों पर अक्‍सर जुर्माना लगाया जाता है. इसी क्रम में आरबीआई (RBI) ने जमाराशि पर ब्याज दर से संबंधित न‍ियमों का पालन नहीं करने पर इंडसइंड बैंक (IndusInd Bank) पर 27.30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. केंद्रीय बैंक की तरफ से दी गई जानकारी में इस बारे में बताया गया. आरबीआई ने 31 मार्च, 2023 तक बैंक की वित्तीय स्थिति के बारे में सुपरवाइजरी इवेल्‍यूशन के लिए एक वैधानिक निरीक्षण के बाद बैंक को एक नोटिस जारी किया था.

इंडसइंड बैंक के जवाब और एड‍िशनल प्रजेंटेशन पर गौर करने के बाद आरबीआई (RBI) ने पाया कि अपात्र संस्थाओं के नाम पर कुछ सेव‍िंग अकाउंट खोलने से संबंधित आरोप सही साबित हुए. इसके ल‍िए पेनाल्‍टी लगाया जाना जरूरी है. हालांकि, आरबीआई (RBI) ने कहा कि यह जुर्माना नियामकीय अनुपालन में खाम‍ियों पर लगाया गया है और इसका मकसद इंडसइंड बैंक की तरफ से अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल उठाना नहीं है.

एक और मामले में केंद्रीय बैंक ने ‘अपने ग्राहक को जानो’ (KYC) न‍ियमों के प्रावधान का पालन नहीं करने को लेकर मणप्पुरम फाइनेंस पर 20 लाख का जुर्माना लगाया है. आरबीआई ने कहा कि 31 मार्च, 2023 तक की वित्तीय स्थिति के बारे में एनबीएफसी का वैधानिक निरीक्षण किया गया और कंपनी को नोटिस जारी किया गया. नोटिस पर मणप्पुरम फाइनेंस के जवाब पर विचार करने के बाद केंद्रीय बैंक ने कहा कि कंपनी ग्राहक स्वीकृति के समय जारीकर्ता प्राधिकारी की सत्यापन सुविधा से ग्राहकों के पैन का सत्यापन करने में विफल रही.

एनबीएफसी (NBFC) ने ग्राहकों की जानकारी को सही तरीके से नहीं रखा. उन्होंने ग्राहकों के पैन नंबर की सही जांच नहीं की और कुछ ग्राहकों को एक से अधिक पहचान कोड दे दिए, जो कि नियमों के खिलाफ है. आदेश को 16 दिसंबर, 2024 को जारी किया गया था. जांच में पाया गया कि कंपनी ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के ‘जानें अपना ग्राहक’ (KYC) नियमों का पालन करने में बड़ी चूक की है.

पहले भी न‍ियमों का पालन नहीं करने पर र‍िजर्व बैंक की तरफ से कई अलग-अलग बैंकों पर जुर्माना लगाया जा चुका है. लेक‍िन आपको बता दें आरबीआई (RBI) की तरफ से बैंकों पर इस तरह लगाए जाने वाले जुर्माने से ग्राहकों पर कोई असर नहीं होता. ग्राहकों का बैंक के साथ लेनदेन पहले की ही तरह सुचारू रूप से चलता रहता है. न ही बैंक की तरफ से ग्राहकों को द‍िये जाने वाले फायदे पर इसका कोई असर होता है.