रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा में उस वक़्त कांग्रेस ने बहिर्गमन कर दिया, जब एक मामले को लेकर सत्ता पक्ष और कांग्रेसी विधायकों के बीच तीखी नोक-झोक हुई। सदन के भीतर जारी कार्यवाही के बीच कांग्रेसी विधायकों ने बहिर्गमन कर दिया और वे परिसर में स्थापित महात्मा गांधी की प्रतिमा के समीप बैठ कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल और कांग्रेसी विधायकों ने मीडिया के समक्ष अपना पक्ष रखा।
इस बीच वरिष्ठ पत्रकार सुनील नामदेव ने पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के समक्ष सवाल पर सवाल दाग दिए। ये सवाल पूर्व मुख्यमंत्री के कार्यकाल में अंजाम दिए गए भ्रष्टाचार के मामलों से जुड़े थे। इस सवाल को सुनते ही पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के पैरों तले जमीन खिसक गई। देखते ही देखते वे मौके से नौ दो ग्यारह होने की कवायत में जुट गए। इससे पहले की बघेल उनके इर्द-गिर्द मंडरा रहे विधायकों की आड़ लेकर बच निकलते, पत्रकार सुनील नामदेव ने पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के समक्ष सवालों की झड़ी लगा दी।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सवालों से बचने के लिए अचानक मैदान छोड़ भागते नजर आये। इस दौरान तेजी से उनके कदम विधान सभा परिसर से सदन की ओर बढ़ने लगे। पूर्व मुख्यमंत्री इतनी तेजी से भागे की वे नारेबाजी कर रहे तमाम विधायकों से आगे-आगे चलने लगे।
पूर्व मुख्यमंत्री सामने-सामने और उनके पीछे मोर्चा संभाला, पार्टी विधायकों ने। यह रेला नारेबाजी करते हुए जैसे ही आगे बढ़ने लगा, ठीक वैसे ही पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने पत्रकार के सवालों से बचने के लिए कई विधायकों के सामने सार्वजनिक तौर पर गिड़-गिड़ाना शुरू कर दिया।
इस दौरान बघेल ने अपने करीबी विधायकों को, साफ तौर पर निर्देशित किया कि इस पत्रकार को रोको, रोकों इस पत्रकार को। पूर्व मुख्यमंत्री बघेल का फरमान सुनते ही कांग्रेसी विधायकों ने अपना धरना-प्रदर्शन और नारेबाजी छोड़ पत्रकार सुनील नामदेव को घेर लिया और सवाल ना पूछे जाने को लेकर दबाव बनाना शुरू कर दिया। इस दौरान कांग्रेसी विधायक पत्रकार सुनील नामदेव की राह में रोड़ा बन गए। उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री से सवाल करने से रोकते रहे। विधायकों और पत्रकार सुनील नामदेव के बीच जमकर बहस भी हुई। इसका फायदा उठाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री बघेल मौके से अचानक गायब हो गए।
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल के कार्यकाल में दर्जनों घोटाले और भ्रष्टाचार के मामले सामने आये है। इसमें 2200 करोड़ का शराब घोटाला, 6 हज़ार करोड़ का महादेव ऐप सट्टा घोटाला, 700 करोड़ का कोल खनन परिवहन घोटाला, PSC घोटाले समेत दर्जनों मामलों में पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल की सहभागिता को लेकर राज्य और केंद्र की एजेंसियां क्रमशः ED और सीबीआई तक जांच में जुटी है। पूर्व मुख्यमंत्री बघेल की उपसचिव सौम्या चौरसिया समेत दर्जनों अधिकारी इन दिनों जेल की हवा खा रहे है। ऐसे में भ्रष्टाचार के सवालों के जवाब को लेकर कांग्रेसी विधायकों और पूर्व मुख्यमंत्री बघेल का रुख गौरतलब है।