Dausa Borewell: 41 घंटे बाद भी बोरवेल से आर्यन को निकालने में नहीं मिली सफलता, अब सुरंग से उम्मीद

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दौसा: Dausa Borewell: राजस्थान के दौसा जिले के कालीखाड़ गांव में बोरवेल में बच्चे को बचाने का अभियान बुधवार (11 दिसंबर) को तीसरे दिन भी जारी है. 41 घंटे में एनडीआरएफ-एसडीआरएफ के देसी जुगाड़ बच्चे को निकालने में फेल रहे हैं. वहीं ऑपरेशन में लगी 10 जेसीबी और दूसरी मशीनों की खुदाई का भी खास असर नहीं हुआ है.

अब 160 फीट गहरे बोरवेल से आर्यन को निकालने के लिए अब हाईटेक मशीनों से सुरंग बनाई जा रही है. बोरवेल में गिरने के बाद से बच्चे तक एक बूंद पानी तक नहीं पहुंच सका है, इस वजह से परिवार और प्रशासन की चिंता बढ़ती जा रही है. दरअसल, सोमवार (10 दिसंबर) को दोपहर बाद करीब 3:30 बजे आर्यन खेलते समय बोरवेल में गिर गया था, तभी से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. रेस्क्यू टीम ने मंगलवार को कहा, हम बच्चे को निकालने के लिए भरसक प्रयास कर रहे हैं.

बता दें मासूम 160 फीट गहरे बोरवेल में करीब 150 फीट पर अटका हुआ है. रेस्क्यू ऑपरेशन में करीब तीन एलएनटी मशीन और करीब 10 जेसीबी, 20 ट्रैक्टर जुटे हुए हैं. एनडीआरएफ की टीम भी रेस्क्यू ऑपरेशन को सफल करने के लिए लोहे की रिंग नुमा रोड डालकर बोरवेल से सीधे ही बच्चे को निकालने की कोशिश कर रही है.

खेलते समय बोरवेल में गिरा बच्चा
बच्चा बोरवेल में अधिक अंदर नहीं जाए, इसके लिए नीचे अंब्रेला नुमा एक इक्विपमेंट लगाया गया है. जानकारी के मुताबिक, जगदीश मीणा की पत्नी खेत में बनी टंकी पर नहा रही थीं. इसी दौरान आर्यन वहां खेल रहा था, तभी वो अचानक से बोरवेल में गिर गया. इसके बाद शोर मचाकर मां ने आसपास के लोगों और पुलिस को इस घटना के बारे में सूचित किया. इसके बाद राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया.

मौके पर जिला कलेक्टर देवेंद्र कुमार, लालसोट एएसपी दिनेश अग्रवाल, विधायक दीनदयाल बैरवा, एसडीएम यशवंत मीणा, नांगल राजावतान डीएसपी चारुल गुप्ता, थाना प्रभारी मालीराम सहित कई अधिकारी मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. जिलाधिकारी ने बताया कि बोरवेल में से बच्चे की गतिविधियां साफ नजर आ रही हैं. परिजनों ने जब बोरवेल के अंदर आवाज दी, तो बच्चे ने भी जवाब दिया.