छत्तीसगढ़ पुलिस मुख्यालय में ‘सरदार इज बैक’, सुप्रीम कोर्ट ने तय की IPS GP Singh की पुनर्वापसी, कैट के आदेश को चुनौती देने वाली केंद्र सरकार की याचिका खारिज…. 

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दिल्ली/रायपुर। सुप्रीम कोर्ट के गलियारों से प्राप्त खबर के मुताबिक छत्तीसगढ़ कैडर के चर्चित आईपीएस जीपी सिंह की बहाली सुनिश्चित हो गई है। कैट के आदेश को चुनौती देने वाली केंद्र सरकार की एक याचिका को आज सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इसके साथ ही अदालत ने संघर्षरत वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को बड़ी राहत प्रदान की है। माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब जीपी सिंह जल्द ही पुलिस मुख्यालय में अपनी वापसी करेंगे। जानकारी के मुताबिक अदालत के फैसले की प्रति सरकारी वकीलों के जरिये केंद्र और राज्य सरकार को प्रदान कर दी गई है।

अदालत का फैसला न्याय की जीत के रूप में देखा जा रहा है। 1994 बैच के वरिष्ठ आईपीएस GP सिंह उस वक़्त चर्चा में आये थे, जब तत्कालीन बघेल सरकार के कई राजनैतिक फैसलों को उन्होंने आपराधिक प्रकरणों में तब्दील करने से इंकार कर दिया था। बताया जाता है कि पूर्व मुख्यमंत्री और उनकी तत्कालीन उपसचिव कई निर्दोष लोगों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध करने से लेकर उन्हें साजिशों में फ़साने का फरमान जारी किया करते थे। लेकिन तत्कालीन EOW प्रमुख ने उनकी साजिशों और गैर-क़ानूनी गतिविधियों पर रोक लगा दी थी। नतीजतन पूर्व मुख्यमंत्री ने नाराजगी के चलते GP सिंह के खिलाफ कई अवैधानिक अपराध पंजीबद्ध कर प्रताड़ित किया था।  

जानकारी के मुताबिक तत्कालीन भूपे सरकार ने आय से अधिक सपंत्ति और राजद्रोह के आरोपों में गिरफ्तारी के बाद 21 जुलाई 2023 को जीपी सिंह को अनिवार्य सेवानिवृत्ति प्रदान कर दी थी। उन्हें सेवा से बाहर रखने के लिए दागी आईपीएस अधिकारियों एक टोली भी सक्रियता से जुटी रही। राज्य सरकार की सिफारिश पर केंद्र सरकार ने अपनी मुहर लगाकर GP सिंह की अनिवार्य सेवानिवृत्ति को मंजूरी दी थी। उधर कैट में ऐसे फैसलों को चुनौती देने पर जीपी सिंह को मिली राहत उस समय विवादों में घिर गई जब केंद्र ने कैट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। इस दौरान दिल्ली हाईकोर्ट के अलावा सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग मामले दाखिल किये गए थे। इन मामलों में पहले दिल्ली हाईकोर्ट और अब सुप्रीम कोर्ट से GP सिंह को राहत मिली है। 

हालिया इसी साल नवंबर माह में बिलासपुर हाईकोर्ट ने जीपी सिंह के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने का निर्देश दिया था। इस बीच कैट के फैसले के आधार पर राज्‍य सरकार ने जीपी सिंह को बहाल करने का प्रस्‍ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा था, लेकिन केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कैट फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने आज जीपी सिंह के हक़ में फैसला सुनाया है। जानकारी के मुताबिक वरिष्ठ आईपीएस अफसर के खिलाफ तत्कालीन भूपे सरकार के झूठे आरोप दूध का दूध और पानी का पानी की तर्ज पर साफ हो गया है। उनके खिलाफ भयादोहन, आय से अधिक सपंत्ति और राजद्रोह जैसे फर्जी मुकदमों पर अदालत की मुहर लग चुकी है। अदालत का फैसला उन ईमानदार अफसरों के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है जो अपनी कर्तव्यनिष्ठा और अनुशासन से लोकतंत्र को मजबूत बनाने में जुटे है।