दुर्ग/रायपुर: छत्तीसगढ़ का पुलिस मुख्यालय और डीजीपी की कार्यप्रणाली सुर्ख़ियों में है। इससे पहले की पुलिसिंग के नायाब तौर-तरीकों पर गौर फरमाए, एक नजर उस आदेश पर जरूर डाले जो एक दिन पहले एक थानेदार को प्रशासनिक दृष्टि से लाइन अटैच करने का फरमान सुनाता है। इसके ठीक चंद घंटों के भीतर उसी थानेदार को पुनः नए कर्तव्य स्थल में तैनात करने का आदेश दिया जाता है। दिलचस्प बात यह है कि जिस थानेदार को नशीले पदार्थों की अवैध बिक्री की शिकायत के बाद लाइन हाजिर होने का फरमान सुनाया गया था, इसके अगले ही पल नारकोटिक्स टास्क फोर्स में तैनात कर दिया गया। पुलिस महकमे में ऐसे एक नहीं बल्कि दर्जनों आदेश सुर्ख़ियों में है, जिसके जारी होने के बाद साय सरकार भी सवालों के घेरे में नजर आने लगी है।
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जरा गौर फरमाएं इन दिनों ही आदेशों को। ऐसी बानगी पुलिस महकमे में चर्चा का विषय बनी हुई है। दरअसल इलाके में नशीले पदार्थों की खरीदी-बिक्री को लेकर एक शख्स ने दुर्ग रेंज के आईजी और पुलिस अधीक्षक को गंभीर शिकायते की थी। इसके बाद इलाके के SP ने मोहन नगर TI को लाइन अटैच कर दिया था। सूत्र तस्दीक करते है कि दुर्ग आईजी के पास शिकायतकर्ता गांजा लेकर पहुंचा था। वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले कों गंभीरता से लेते हुए मोहन नगर थाने की टीआई नवी मोनिका पाण्डेय को लाइन अटैच कर दिया था।
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आदेश में तबादले का कारण प्रशासनिक बताया गया था। लेकिन महकमे में चर्चा है कि मोहन नगर थाना क्षेत्र से एक शिकायतकर्ता गांजा लेकर आईजी ऑफिस पहुंचा था। इसके बाद यह कार्रवाई की गई थी। बताया जाता है कि यह घटना 3 दिसंबर की थी। इसी दिन शाम मोहन नगर थाना प्रभारी को लाइन अटैच करने का सिंगल आदेश जारी किया गया था। अब बैक डेट में जारी एक नया आदेश इन दिनों सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इसमें बताया गया है कि मोहन नगर की प्रभावित थानेदार को लाइन अटैच होने के ठीक दूसरे ही दिन नारकोटिक्स टास्क फोर्स में तैनाती का फरमान सुनाया गया है।
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यह भी बताया जा रहा है कि यह आदेश बैक डेट में जारी किया गया है, ताकि साय सरकार की आँखों में धूल झोंका जा सके। बताया जाता है कि मोनिका पाण्डेय काफी वरिष्ठ थाना प्रभारी हैं, वे लंबे अरसे से दुर्ग जिले में तैनात है। सवाल उठाया जा रहा है कि चंद घंटों में जारी बैक टू बैक, डबल आर्डर आखिर क्यों जारी किये गए ? यदि मोहन नगर थानेदार के खिलाफ कोई शिकायत यदि असत्य और त्रुटिपूर्ण नहीं पाई गई तो उन्हें आखिर क्यों चंद घंटों के लिए लाइन हाजिर होने का फरमान सुनाया गया।
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इस संबंध में अधिकृत जानकारी हेतु न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ ने पुलिस मुख्यालय से भी संपर्क किया। लेकिन शनिवार-रविवार छुट्टी होने के चलते कोई आधिकारिक जानकारी नहीं प्राप्त हो पाई। फ़िलहाल पहले लाइन अटैच और फिर बैक डेट में जारी आदेश दोनों ही सुर्ख़ियों में है।