रायपुर: छत्तीसगढ़ की पूर्व सुपर सीएम सौम्या चौरसिया के 2 दिसंबर दिन सोमवार कों जेल में पूरे 2 वर्ष हो गए है। इसके साथ ही उन्होंने तीसरे साल में प्रवेश किया है। सौम्या को 2 दिसंबर वर्ष 2022 में ED ने गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे भेजा था। उनका तीसरा साल जेल में नए रिकॉर्ड दर्ज कर रहा है। आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के एक अन्य मामले में भी राज्य के EOW ने सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार कर रायपुर कोर्ट में किया पेश किया था। इस मामले में भी वे इन दिनों जेल की हवा खा रही है।
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में डिप्टी कलेक्टर स्तर की इस महिला अधिकारी को तत्कालीन मुख्यमंत्री बघेल ने अपनी पटरानी घोषित कर सत्ता की चाबी सौंप दी थी। ED की चार्जशीट में बताया गया है कि मुख्यमंत्री के अधिकारों का उपयोग सौम्या चौरसिया भली-भांति कर रही थी। वे उन सभी महत्वपूर्ण फैसलों पर अपनी मुहर लगाती थी, जिसका संवैधानिक अधिकार स्वयं मुख्यमंत्री के हाथो में होता है।
छत्तीसगढ़ राज्य सेवा वर्ष 2008 बैच की द्वितीय श्रेणी की सरकारी सेवक होने के बावजूद सौम्या का रसूख भूपे पर इस कदर हावी था कि वो अपना ज्यादातर वक़्त मूल कर्तव्य स्थल मंत्रालय के बजाय मुख्यमंत्री आवास में ही व्यतीत करती थी। बता दे कि मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास में उनके परिजनों के बजाय सौम्या का सिक्का चलता था। इस सरकारी सेवक के लिए पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर ही एक उपसचिव कार्यालय खोल रखा था। यहाँ से 24X7 तमाम गैर-क़ानूनी गतिविधियों को अंजाम दिया जाता था।
कांग्रेस सरकार में ताकतवर और प्रभावशाली अफसर रहीं सौम्या चौरसिया पूर्व CM भूपेश बघेल की खास अफसर हुआ करती थी। उन्हें कोल लेव्ही स्कैम और मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED ने 2 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार कर लंबी पूछताछ की थी। सौम्या के अलावा उनकी माँ शांति देवी और एक भाई अनुराग चौरसिया भी ED के हत्थे चढ़े थे। हालांकि तकनिकी कारणों के चलते उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई। सेंट्रल जेल रायपुर में बंद सौम्या इन दिनों अपनी रिहाई की बांट जोह रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट से उनकी जमानत रद्द होने के बाद नए सिरे से उनकी रिहाई का जोड़-तोड़ भी सुर्ख़ियों में है। सौम्या ने मात्र भूपे राज में मात्र 2 सालों के भीतर एक सैकड़ा से ज्यादा प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त की थी। इनमे से लगभग 50 प्रॉपटी ही अटैच करने में ED कों कामयाबी मिल पाई है। अटैच की गई संपत्तियों में सौम्या चौरसिया का भिलाई स्थित सूर्या अपार्टमेंट का निवास भी शामिल बताया जाता है।
सौम्या चौरसिया पर क्या आरोप नहीं है, चर्चा अब इसकी हो रही है। भूपे राज में सौम्या का जलवा किसी से छिपा नहीं था। अधिकारों के दुरुपयोग के कई मामले सामने आने के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री बघेल पूरे 5 साल तक चुप्पी साधे रहे। वे भी सौम्या के फैसलों के आगे घुटने टेकने में कभी भी पीछे नहीं दिखाई दिए। कथित कोयला घोटाले में 500 करोड़ रुपए की अवैध उगाही को लेकर ED की जांच जब शुरू हुई तो एजेंसियां हैरत में पड़ गई थी। छत्तीसगढ़ के अलावा देश के कई राज्यों में सौम्या का बड़ा निवेश बताया जाता है। इसके बाद ED ने इस सरकारी सेवक और उनके परिजनों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था।
बताया जाता है कि कोल लेव्ही स्कैम में तो अवैध वसूली के लिए पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा नियमों में बदलाव कर ऑनलाइन सिस्टम को ऑफलाइन कर घोटाले को अंजाम दिया गया था। इस दौरान कोल कारोबारियों से 25 रुपये टन ‘गब्बर सिंह’ टैक्स वसूला जाता था। इस अवैध वसूली की कमान कोल माफिया सूर्यकांत तिवारी के कन्धों पर डाली गई थी। सौम्या के साथ सूर्यकांत भी इन दिनों जेल की हवा खा रहा है। भ्रष्टाचार की रकम से सौम्या ने बड़े पैमाने पर चल-अचल संपत्तियां अर्जित की थी। इनमें उनके परिजनों के अलावा कई बेनामी संपत्ति भी शामिल हैं।
कोल लेव्ही स्कैम में सूर्यकांत तिवारी के अलावा ED ने कोल वॉशरी संचालक सुनील अग्रवाल, IAS समीर बिश्नोई, IAS रानू साहू समेत अन्य आरोपियों को अलग-अलग तारीखों पर गिरफ्तार किया था। ED के अलावा राज्य के EOW ने आरोपियों के खिलाफ पृथक से मामला दर्ज कर विवेचना शुरू की है। इसमें सौम्या चौरसिया के भाई अनुराग चौरसिया को भी EOW ने हिरासत (24 मई 2024) में लिया था।
छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार बनने के बाद EOW की ताबड़तोड़ कार्रवाई अभी भी जारी है। राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि उन्हें अक्टूबर 2022 तक वेतन और अन्य भत्ते के रूप में लगभग 85.50 लाख रुपये मिले, जबकि उन्होंने कथित तौर पर अपने परिवार के सदस्यों और परिचितों के नाम पर 29 अचल संपत्तियां अर्जित की हैं, जिनकी कीमत लगभग 9.22 करोड़ रुपये आंकी गई है। इसका बाजार भाव 80 करोड़ से ज्यादा का बताया जाता है।
सौम्या के जेल प्रवेश के तीसरे वर्ष की बेला से पूर्व मुख्यमंत्री बघेल मायूस बताये जाते है। उन्हें, नन्हे-मुन्ने बच्चों की चिंता सताए जा रही है। ये दोनों बच्चे पूर्व मुख्यमंत्री की असीम शक्तियों से प्राप्त बताये जाते है। बताते है कि इनका जन्म नहीं बल्कि अवतरण हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री ने अपनी करिश्माई शक्तियों से अपनी मातहत महिला कर्मी की सुनी गोद भरी थी। इन बच्चों के नैसर्गिक माता-पिता कौन है ? इसकी खोजबीन जारी बताई जाती है। बताया जाता है कि बगैर गर्भ धारण किये बच्चों का जन्म अकल्पनीय है। इस मामले में भी पूर्व मुख्यमंत्री की उपसचिव सौम्या के कब्जे में दो जुड़वा बच्चों के डीएनए टेस्ट का मामला अधर में लटका बताया जाता है। फ़िलहाल पूर्व मुख्यमंत्री ने इन बच्चों के जैनेटिक माता-पिता की पहचान को लेकर अपना मुँह अब तक नहीं खोला है।