1 जनवरी, 2025 से एक नया नियम लागू होने वाला है, जिसका असर सभी टेलीकॉम कंपनियों पर पड़ेगा. राइट ऑफ वे रूल के मुताबिक, टेलीकॉम कंपनियों को अपने टावर और केबल बिछाने के लिए आसानी से जगह मिलनी चाहिए. इससे कंपनियों को अपने नेटवर्क को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, नए RoW नियम, जो हाल ही में दूरसंचार अधिनियम के तहत अधिसूचित किए गए थे, अगले साल 1 जनवरी से लागू होंगे और उनका उद्देश्य ऑप्टिकल फाइबर लाइनों और टेलीकॉम टावरों की स्थापना को बढ़ावा देना है. एक पत्र में, दूरसंचार विभाग (DoT) सचिव नीरज मित्तल ने राज्यों से RoW नीतियों में आगामी परिवर्तनों के बारे में संबंधित अधिकारियों को सूचित करने के लिए कहा है. मित्तल ने कहा कि नए, एक जैसे RoW नियम देश में टेलीकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने में मदद करेंगे और पूरे भारत में 5G तकनीक को जल्दी से फैलाने में भी मदद करेंगे.
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RoW नियम एक तरह का कानून है जो बताता है कि टेलीकॉम कंपनियां अपने टावर और केबल कहां-कहां लगा सकती हैं, ये नियम सरकारी और निजी दोनों तरह की जमीन पर लागू होते हैं. इन नियमों का पालन करना ज़रूरी है, क्योंकि ये लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं.
नए नियम से टेलीकॉम कंपनियों को परमिशन लेने में आसानी होगी. अब कंपनियों को हर जगह एक ही तरह की परमिशन लेनी होगी. इसके अलावा, सभी परमिशन और काम का रिकॉर्ड डिजिटल रूप से रखा जाएगा, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी. पहले, टेलीकॉम कंपनियों को हर राज्य में अलग-अलग नियमों का पालन करना पड़ता था, जिससे परेशानी होती थी. इसलिए, कंपनियों ने सरकार से एक समान नियम बनाने की मांग की थी. नए नियम से मुकेश अंबानी की Jio, BSNL, Airtel और Vi जैसी सभी भारतीय टेलीकॉम कंपनियां और भी मजबूत बनेंगी.