Digital Arrest: दिल्ली के रोहिणी इलाके में एक रिटायर्ड इंजीनियर को उनके घर में आठ घंटे तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर रखा. इसके बाद 10 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की गई. पुलिस ने यह जानकारी दी. ‘डिजिटल अरेस्ट’ (धन उगाही के लिए ऑनलाइन डराना-धमकाना) के पीड़ित अपनी पत्नी के साथ रोहिणी के सेक्टर 10 में रहते हैं. उनकी शिकायत पर दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ ने प्राथमिकी दर्ज की है. पुलिस को 60 लाख रुपयए ‘फ्रीज’ करने में सफलता मिली है. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “ऐसा संदेह है कि धोखाधड़ी विदेश से कॉल करने वालों द्वारा की गई थी, लेकिन भारत में उनके सहयोगियों ने उन्हें लक्ष्य के बारे में जानकारी प्राप्त करने में मदद की.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, 72 साल के रिटायर्ड इंजीनियर रोहिणी में रहते हैं. उन्हें आठ घंटे तक “डिजिटल अरेस्ट” में रखने के बाद 10 करोड़ रुपये का चूना लगा है. मामले की जांच कर रहे एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि 29 सितंबर को साइबर अपराधियों ने पार्सल कंपनी के कर्मचारी बनकर फोन किया. उन्होंने उससे कहा कि प्रतिबंधित दवाओं से भरा एक पार्सल उसके द्वारा ताइवान भेजा जा रहा है और मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारी उससे बात करना चाहते हैं.
फिर जालसाजों में से एक ने खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताते हुए बुजुर्ग व्यक्ति से एक एप्लीकेशन डाउनलोड करने और वीडियो कॉल में शामिल होने के लिए कहा. उन्होंने बुजुर्ग व्यक्ति को धमकाया और इस प्रक्रिया में उनके परिवार के बारे में जानकारी जुटाई. इसके बाद, उन्होंने उनके बच्चों को फंसाने की धमकी दी और उन्हें विभिन्न बैंक खातों में 10.3 करोड़ रुपये जमा करने के लिए मजबूर किया.
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Digital Arrest: बाद में घोटालेबाजों ने सेवानिवृत्त इंजीनियर से उनके बेटे और बेटी से भी पैसे वसूलने को कहा. इस पर बुजुर्ग व्यक्ति को शक हुआ और उसने अपना लैपटॉप बंद कर दिया. करीब आठ घंटे तक डिजिटल गिरफ्तारी में रहने के बाद पीड़ित कमरे से बाहर आए और अपने परिवार को घटना की जानकारी दी.
बुजुर्ग के बेटे का दुबई में कारोबार है और वह अपने परिवार के साथ वहीं रहते हैं. जबकि उनकी बेटी सिंगापुर में रहती हैं. पुलिस की जांच में पता चला है कि जालसाजों ने रकम को सात बैंक खातों में डलवाया. उसके बाद करीब 15 सौ अलग अलग बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर किए. पुलिस ने कई खातों को फ्रीज कर दिया जिसमें करीब 60 लाख रुपये जमा किए गए हैं.
जांच से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि जालसाज कंबोडिया, फिलीपींस और ताइवान से फोन कर भारत में लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर उनसे पैसे ठग रहे हैं. इसके बाद उन्होंने 1 अक्टूबर को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. यह पहली बार नहीं था जब कोई वरिष्ठ नागरिक डिजिटल गिरफ्तारी घोटाले का शिकार हुआ हो. जुलाई में दक्षिणी दिल्ली के सीआर पार्क के निवासी 72 वर्षीय कृष्ण दासगुप्ता ने 83 लाख रुपये खो दिए थे.