Manipur Violence की खौफनाक कहानी: रेप के बाद बदन में ठोकी कीलें, फिर जिंदा जलाया……

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Manipur Violence की कई खौफनाक कहानियां सामने आ चुकी हैं. हर घटना, भीतर तक झकझोर कर जाती है. पिछले साल महिलाओं को निर्वस्त्र कर सरेआम परेड कराए जाने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘राष्ट्रीय शर्म’ करा दिया था. इसके बावजूद, हिंसाग्रस्त राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की बर्बरता बढ़ती जा रही है. 7 नवंबर को, जिरीबाम जिले के एक गांव में हथियारबंद हमलावरों ने एक घर में घुसकर तीन बच्चों की मां से हैवानियत की. 31 वर्षीय आदिवासी महिला का बलात्कार करने से पहले उसे बुरी तरह टॉर्चर किया गया. बाद में हमलावरों ने उसे जिंदा जला दिया. अटॉप्सी रिपोर्ट से पता चला है कि महिला के साथ हैवानों जैसा सलूक किया गया.

महिला के पति ने जो FIR दर्ज कराई, उसमें कहा कि घर के भीतर ‘बेरहमी से हत्या’ किए जाने से पहले उसका बलात्कार किया गया था. हालांकि, असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज में हुए पोस्टमार्टम से यह पता नहीं चल सका कि महिला का रेप किया गया था या नहीं. जानते हैं क्यों? क्योंकि उसके जले हुए शरीर को देखते हुए डॉक्टरों ने योनि से स्मीयर जुटाने की किसी भी संभावना को सिरे से खारिज कर दिया.

महिला का शरीर 99 प्रतिशत तक जल चुका था. हड्डियां तक राख बन गई थीं. अटॉप्सी रिपोर्ट इतनी भयावह है कि उसके बारे में यहां ज्यादा लिखना संभव नहीं है. रिपोर्ट में ‘दाहिनी जांघ के पीछे एक घाव’ और ‘बाईं जांघ में धातु की एक कील धंसी होने’ की बात है. रिपोर्ट में कहा गया है, ‘दाहिना ऊपरी अंग , दोनों निचले अंगों के हिस्से और चेहरे की संरचना गायब है.’ कुकी-ज़ो संगठनों ने घटना की निंदा करते हुए इसे ‘बर्बर’ करार दिया. उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों द्वारा हत्यारों की पहचान न कर पाने पर नाराजगी जाहिर की. मणिपुर में पिछले साल मई में जातीय हिंसा शुरू हुई थी. इस हिंसा में अब तक 200 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. जिरीबाम में नए सिरे से हिंसा भड़कने के बाद पिछले सप्ताह से तनाव की स्थिति बनी हुई है.