भारत में बैन होना चाहिए ISKCON, जगन्नाथ पुरी से उठी मांग, गोवर्धन पीठ ने भी जताई नाराजगी

0
61

ह्युस्टन में 9 नवंबर को ISKCON ने रथयात्रा का आयोजन किया था। इस रथयात्रा को लेकर इस्कोन की आलोचना हो रही है। दरअसल पहले ही इस्कोन ने ओडिशा सरकार और पुरी के गजपति महाराज को आश्वासन दिया था कि तय समय के अलावा रथयात्रा का आयोजन नहीं किया जाएगा। अमेरिका के ह्युस्टन में रथयात्रा निकाली गई जिसमें भगवान जगन्नाथ के नंदीघोष विराजमान थे। इसें भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तयां नहीं रखी गई थीं। ISKCON के ‘फेस्टिवल ऑफ ब्लिस’ के दौरान ऐसा किया गया था। इसके बाद ओडिशा सरकार और श्रद्धालुओं ने भी इस कार्यक्रम की आलोचना की है।

पुरी के गोवर्धन पीठ के प्रवक्ता मातृ प्रसाद मिश्रा ने कहा कि यह कार्यक्रम धर्म विरुद्ध था। उन्होंने कहा कि भारत में इस्कोन को बैन कर देना चाहिए। मिश्रा ने कहा, ह्युस्टन में ISKCON ने लिखित में आश्वासन दिया था कि वे असमय रथ यात्रा का आयोजन नहीं करेंगे। उन्होंने हमारे धर्म के साथ साजिश की है।

Maruti Suzuki 7 Seater Car: मात्र 40 हज़ार डाउन पेमेंट में घर लाएं मारुति की ये दमदार 7 Seater कार, जाने डिटेल्स

ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि इस मामले में श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ही कोई फैसला करेगा। हालांकि मंदिर जो भी निर्णय लेगा राज्य की सरकार उसका समर्थन करेगी। वहीं ह्युस्टन इस्कोन की तरफ से वेबसाइट पर बयान दिया गया कि पहले मंदिर ने प्रतिमाओं के साथ में रथ यात्रा करने का विचार किया था। हालांकि जब स्थानीय लोगों ने भी इसपर चिंता जाहिर की तो इस योजना में परिवर्तन किया गया।

बयान में कहा गया कि उत्सव में आने वाले श्रद्धालु भगवान जगन्नाथ के दर्शन करना चाहते हैं। वहीं परंपरा का भी सम्मान करना जरूरी है। बयान में कहा गया, अगले महीने भारत में ISKCON और पुरी के पदाधिकारियों के बीच में बैठक होगी और जो भी सहमति बनेगी उसके अनुसार कार्य किया जाएगा। पारंपरिक कैलेंडर और श्रद्धालुओं की इच्छा दोनों का ध्यान देते हुए कोई रास्ता निकाला जाना चाहिए।