CG NEWS: रायपुर में गडकरी के कार्यक्रम मंच से आखिर क्यों नदारद रहे सांसद अग्रवाल, बृजमोहन के ‘मनमोहन’ को लेकर राजनीति तेज….

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रायपुर: रायपुर में भारतीय सड़क कांग्रेस (आईआरसी) के 83वें अधिवेशन के उद्घाटन के मौके पर जबरदस्त राजनीति नजर आई है। इस कार्यक्रम में मौजूद केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने राज्य को 20 हजार करोड़ की सौगात देकर विकास की नई राह तय कर दी है। इस बीच मंच में अधिकारियों के साथ-साथ प्रदेश के तमाम दिग्गज नेता नजर आये। लेकिन नजर नहीं आये तो रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल। इतने महत्वपूर्ण कार्यक्रम से उनका नदारद रहना चर्चा का विषय बना हुआ है। बताते है कि बतौर प्रोटोकॉल, रायपुर के सांसद को तवज्जो नहीं दी गई।यहाँ तक की आमंत्रण पत्र में उनका नाम भी दर्ज नहीं किया गया था। बृजमोहन अग्रवाल के रायपुर में मौजूद रहने के बावजूद ऐसे महत्वपूर्ण अवसरों पर गैर-मौजूदगी राजनैतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। 

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के मुख्य आतिथ्य में आयोजित यह अधिवेशन चार दिनों तक चलेगा, इसमें राज्य में नेशनल हाईवे के विस्तार, सड़क निर्माण और सुरक्षा से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। राजधानी रायपुर के सांसद का इन मुद्दों पर रायशुमारी काफी निर्णायक मानी जाती है। इसके साथ ही सांसद बृजमोहन को मंच पर आसीन ना देखे जाने का मामला पार्टी कार्यकर्ताओं की जुबान पर भी है। 

जानकार बताते है कि सांसद महोदय का नाम ना तो आमंत्रण पत्र में छापा गया था, और ना ही मंच पर अन्य अतिथियों की तर्ज पर उन्हें भी आसीन होने का मौका दिया गया। सांसद बृजमोहन अग्रवाल पर नजर रखने वाले कई आगंतुक मंच पर उनकी गैरमौजूदगी देखकर हैरत में बताये जाते है।आमतौर पर केंद्र सरकार के कार्यक्रमों में इलाके के सांसद के आतिथ्य का पुख्ता इंतजाम किया जाता है। प्रोटोकॉल के तहत सांसद को भी कार्यक्रम के ब्यौरे से अवगत कराया जाता है। 

उधर रायपुर दक्षिण उप चुनाव में उम्मीदवार चयन के बाद बीजेपी के भीतर भी राजनीति जोरो पर बताई जा रही है। राजनीति के जानकारों के मुताबिक बृजमोहन के ‘मनमोहन’ को लेकर पार्टी के भीतर मनमुटाव और कलह की स्थिति भी देखी जा रही है। इसी के चलते कई स्टार प्रचारकों ने उप चुनाव प्रचार से दूरियां बना ली है। हालांकि इस मुद्दे को ज्यादा तवज्जो ना देते हुए पार्टी के कई नेता तस्दीक करते है कि ‘बृजमोहन के मनमोहन’ की जीत तय है, इसलिए स्टार प्रचारक महत्वपूर्ण नेता बेफिक्र है, उनका ध्यान राज्य से बाहर की उन सीटों पर है, जहाँ पार्टी की स्थिति कमजोर आंकी जा रही है।

पार्टी के कई नेता यह भी तस्दीक करते है कि सांसद बृजमोहन अग्रवाल रायपुर दक्षिण सीट के स्टार और प्रचारक, दोनों की भूमिका में है। इधर चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी प्रत्याशी सुनील सोनी से ज्यादा लोगों का हुजूम भी सांसद बृजमोहन के इर्द-गिर्द नजर आ रहा है। चुनाव प्रचार के दौरान वे पूरे समय भारी भरकम भीड़ से घिरे नजर आते है। यही हाल सांसद के आधिकारिक निवास का भी बताया जाता है। यहाँ भी लोगों का रेला लगा हुआ है।

जानकारों के मुताबिक पार्टी प्रत्याशी सुनील सोनी के आवास में जहाँ ‘चहल-पहल’ नजर आ रही है, वही सांसद बृजमोहन के बंगले में उनसे मिलने वालों की लंबी-लंबी कतारे लग रही है। उनकी एक नजर पाने के लिए कई लोग बेताब नजर आ रहे है। यहाँ जुटने वाली भीड़ में बीजेपी कार्यकर्ताओं से ज्यादा संख्या, कांग्रेस के उन कार्यकर्ताओं और विभिन्न फोरम के पदाधिकारियों की बताई जाती है, जिन्हे पार्टी ने बीजेपी उम्मीदवार को ‘हराने’ की जवाबदारी सौंपी है। 

सांसद बृजमोहन के चुनावी मित्रो में पार्टी के दिग्गज नेताओं के अलावा बड़ी तादात में कांग्रेसी पृष्टभूमि के नेताओं की संख्या बताई जा रही है। इधर राज्य में नई सरकार के गठन और नए मुखिया के मुख्यमंत्री की कुर्सी में बैठने के बाद नए समीकरण भी सामने आ रहे है। राजनीति के जानकारों के मुताबिक विष्णुदेव साय के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज होने के बाद छत्तीसगढ़ बीजेपी इकाई के क्रियाशील कई परंपरागत समीकरण टूट-फुट गए है। ‘सरकार पर पकड़ बनाने के लिए’ रस्साकसी भी जोरो पर है।

पार्टी की राजनीति में दूसरी और तीसरी कतार के नेताओं का नया संस्करण सामने आया है। उन्हें कई अहम जवाबदारियां सौंप दी गई है। इसे पार्टी की नई रणनीति और युवाओं के भीतर नेतृत्व के गुणों को अभी से निखारने के नुस्खे से जोड़ कर देखा जा रहा है। जबकि कई परंपरागत और कद्दावर नेताओं को केंद्र की तर्ज पर राज्य के मार्गदर्शक मंडल की राह दिखा दी गई है। इसमें ऐसे कई चर्चित नेता भी शुमार है, जिन्हे 15 वर्षों का मंत्री पद का अच्छा-खासा अनुभव भी प्राप्त था। 

बहरहाल, भारतीय सड़क कांग्रेस (आईआरसी) के अधिवेशन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, केंद्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री अजय टम्टा और उप मुख्यमंत्री अरुण साव मंच पर पूरे समय मौजूद रहे है। कई नेताओं को तो एयरपोर्ट से कार्यक्रम स्थल तक होने वाली आवाजाही में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से रूबरू होने का भरपूर मौका मिला। लेकिन कार्यक्रम स्थल से सांसद की गैर-मौजूदगी चर्चा में आ गई। जबकि इस मामले को लेकर सांसद बृजमोहन अग्रवाल की चुप्पी भी अब सुर्ख़ियां बटोर रही है। 

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