US: ट्रंप की हत्या कराने की कोशिश में था ईरान! अमेरिकी न्याय विभाग का बड़ा दावा- एफबीआई ने नाकाम की साजिश

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US: राष्ट्रपति चुनाव से पहले डोनाल्ड ट्रंप को जान से मारने की ईरानी साजिश को एफबीआई ने विफल कर दिया है। यह खुलासा शुक्रवार को अमेरिकी न्याय विभाग ने किया। फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) ने इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) के सहयोगी फरहाद शकेरी (51), कार्लिस्ले रिवेरा, (49) और जोनाथन लोडहोल्ट (36) पर मामला दर्ज किया है।

मैनहट्टन की संघीय अदालत में दायर आपराधिक शिकायत में बताया गया कि ईरान के पैरामिलीटरी रिवोल्यूशनरी गार्ड के एक अधिकारी ने सितंबर में एक भाड़े के हत्यारे फरजाद शकेरी को ट्रंप पर नजर रखने और मौका मिलते ही उन्हें मारने का निर्देश दिया था। इसके लिए उसे 5 लाख डॉलर की पेशकश की गई थी। शिकायत में कहा गया है कि अधिकारी ने शकेरी से यह भी कहा था कि यदि वह ऐसा न कर पाए तो वह राष्ट्रपति चुनाव तक रुक जाए, क्योंकि अधिकारी का मानना था कि ट्रंप चुनाव हार जाएंगे और तब उनकी हत्या करना आसान होगा।

शकेरी ने एफबीआई को पूछताछ में बताया कि रिवोल्यूशनरी गार्ड के अधिकारी ने उसे सात दिन के भीतर हत्या की साजिश को अंजाम देने के लिए कहा था लेकिन वह इस साजिश को अंजाम तक नहीं पहुंचा पाया। अमेरिकी न्याय विभाग ने बताया कि साजिश में एक ईरानी और दो अमेरिकी नागरिक शामिल थे। दोनों अमेरिकी नागरिकों को बृहस्पतिवार को न्यूयॉर्क के ब्रुकलिन और स्टेटन द्वीप से गिरफ्तार किया गया।

अमेरिकी अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने एक बयान में कहा, ‘दुनिया में ऐसे कुछ कलाकार हैं जो ईरान की तरह संयुक्त राज्य अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं।’ सितंबर में, अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने ट्रंप को मारने की संदिग्ध ईरानी साजिश के बारे में बताया था। ऐसा माना जाता है कि राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (ओडीएनआई) के कार्यालय की ब्रीफिंग रिपब्लिकन के तत्कालीन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के खिलाफ दो असफल घरेलू हत्या के प्रयासों से संबंधित एक योजना पर केंद्रित थी। यह उन रिपोर्टों के बीच आई थी जिसमें कहा गया था कि ईरान ट्रंप के अभियान के खिलाफ हैक करने की एक सतत कार्रवाई कर रहा था।

बता दें कि ट्रंप पर 13 जुलाई को पेंसिल्वेनिया के बटलर शहर में चुनावी रैली के दौरान फायरिंग हुई थी, इसमें एक गोली उनके कान को छूते हुए निकल गई थी। इस घटना के करीब 64 दिन बाद एक बार फिर से उन पर जानलेवा हमले की कोशिश हुई थी। उस वक्त ट्रंप फ्लोरिडा में पाम बीच काउंटी के इंटरनेशनल गोल्फ क्लब में मौजूद थे।